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सनातन धर्म को खत्म करने की बात कहने वाले Udhayanidhi Stalin के नहीं बदले तेवर, याद दिलाया पीएम मोदी का बयान

Udhayanidhi Stalin Eradicate Sanatana Dharma Remarks Updates: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और सरकार में युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन के तेवर बदले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुझे जो कहना था, उसे सोशल मीडिया पर लिख दिया है। मैं फिर से कह रहा हूं कि मैंने केवल सनातन धर्म की आलोचना की है और सनातन धर्म […]

Udhayanidhi Stalin
Udhayanidhi Stalin Eradicate Sanatana Dharma Remarks Updates: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और सरकार में युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन के तेवर बदले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुझे जो कहना था, उसे सोशल मीडिया पर लिख दिया है। मैं फिर से कह रहा हूं कि मैंने केवल सनातन धर्म की आलोचना की है और सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए। ये बात मैं लगातार कहूंगा। कुछ लोग बचकाना व्यवहार कर रहे हैं। दरअसल, INDIA गठबंधन से मोदी सरकार डर गई है। इसलिए बीजेपी मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर पेश कर रही है।

पीएम मोदी क्या कांग्रेसियों को मारने की बात कहते हैं?

उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि कुछ लोग मेरे बयान को नरसंहार के उकसाने से जोड़ रहे हैं। जबकि अन्य कह रहे हैं कि द्रविड़म को समाप्त कर दिया जाना चाहिए। क्या इसका मतलब यह है कि लोगों मार दिया जाना चाहिए? उन्होंने अपनी सफाई में पीएम मोदी के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें वे कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि क्या पीएम मोदी कांग्रेसियों को मार देने की बात कहते हैं? सनातन क्या है? सनातन का अर्थ है कुछ भी बदला नहीं जाना चाहिए और सभी स्थायी हैं। लेकिन द्रविड़ मॉडल बदलाव की मांग करता है और सभी को समान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। बीजेपी का फर्जी खबरें फैलाना सामान्य काम है। वे मेरे खिलाफ जो भी केस दायर करेंगे मैं उसका सामना करने के लिए तैयार हूं। बीजेपी इंडिया अलायंस से डरी हुई है और इसी को भटकाने के लिए वे यह सब कह रहे हैं। डीएमके की नीति एक कुल, एक भगवान है।

उदयनिधि ने क्या कहा था?

दरअसल, उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, कोरोना और मलेरिया जैसी बीमारी से की थी। यह भी कहा था कि इस धर्म को खत्म कर देना चाहिए। यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में महिला को पेड़ से बांधकर बरसाए पत्थर, तड़प-तड़पकर निकला दम, जानें क्या था कसूर?


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