‘OBC को रिजर्वेशन की जरूरत नहीं…’, संसद में ओबीसी को आरक्षण देने के सवाल पर सुशील मोदी का बड़ा बयान, बताई ये वजह?
Sushil Modi said OBC not need reservation: संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से महिला आरक्षण विधेयक पास हो चुका है। इस बिल के कानून बनने के बाद महिलाओं को सदन में 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने का प्रस्ताव है। बता दें कि राज्यसभा में ये बिल निर्विरोध पारित हुआ, जबकि लोकसभा में इसके विरोध में दो वोट पड़े। इसके विरोध में एआईएमआईएम के सासंदों ने मतदान किया था। उनका तर्क था कि संसद में ओबीसी महिलाओं और मुस्लिम महिलओं को भी आरक्षण दिया जाना चाहिए। ओबीसी महिलाओं को संसद में आरक्षण को लेकर जब बीजेपी सांसद सुशील मोदी से सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि ओबीसी समुदाय को संसद में आरक्षण की जरूरत नहीं है, क्योंकि उन्हें नौकरी, सेवा और कॉलेज प्रवेश में आरक्षण की जरूरत है जो उन्हें दिया गया है।
संसद में ओबीसी समुदाय को आरक्षण की जरूरत नहीं
भाजपा सांसद सुशील मोदी ने ओबीसी समुदाय को संसद में आरक्षण देने के मद्दे पर कहा कि बिहार में 40 सांसद हैं, जिनमें 20 सांसद ओबीसी समुदाय से आते हैं। अगर संसद के 545 सांसद लें तो संसद के अंदर आज के समय में 300 से ज्यादा सांसद ओबीसी समुदाय से आते। इसलिए ओबीसी समुदाय को संसद में आरक्षण की जरूरत नहीं है, उन्हें नौकरी, सेवा और कॉलेज प्रवेश में आरक्षण की जरूरत है जो उन्हें दिया गया है। इन लोगों का उद्देश्य था कि बिल पास न हो। आरजेडी के समय में समाजवादी पार्टी जब सरकार का समर्थन कर रही थी तब इन्हें डर था कि इनकी सीट खत्म न हो जाए। इसलिए महिला आरक्षण तो बहाना था, ये चाहते थे महिला आरक्षण लागू ना हो इसी दिशा में ये लोग काम कर रहे थे। आज राजद की ये स्थिति हो गई है कि लोकसभा में उनका एक भी सांसद नहीं बचा। जब सुरेंद्र यादव ने आडवाणी के हाथ से बिल की कॉपी फाड़ी थी, उसके बाद वो संसद का दोबारा मुंह नहीं देख पाए थे।
संसद में पास हुआ महिला आरक्षण बिल
संसद के विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण बिल पास हो गया है। सबसे पहले इस बिल को लोकसभा में पेश किया गया था। जहां इस बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े, जबकि दो मत विरोध में डाले गए। ये दोनों वोट एआईएमआईएम के सांसदों ने डाला था। इस पार्टी का कहना है कि संसद में महिला आरक्षण के साथ-साथ ओबीसी महिलाओं और मुस्लिम महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाना चाहिए। इसके बाद गुरुवार को बिल को राज्यसभा में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन सिंह मेघवाल ने पेश किया, घंटों चर्चा के बाद इस सदन से भी यह बिल निर्विरोध रूप से पास हो गया। बिल के समर्थन 214 वोट डाले गए। जबकि विरोध में एक भी मत नहीं पड़ा।
ओबीसी महिलाओं को संसद में दिया जाएगा 33 फीसदी आरक्षण
महिला आरक्षण बिल दोनों सदनों से पास हो गया है। अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्टपति की मंजूरी के बाद यह बिल कानून की शक्ल ले लेगा। इस कानून के लागू होने के बाद संसद में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव है। हालांकि, इससे पहले जनगणना और सीटों के परिसीमन का काम किया जाएगा। उसी हिसाब से महिलाओं को आरक्षण दिया जाएगा।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.