Supreme Court On Vote Verification Plea: चुनाव के बाद EVM से वोट वेरिफिकेशन के लिए पॉलिसी बनाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग (ECI) से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होने तक EVM में कोई डेटा रिलोड न करें, न ही कोई डेटा डिलीट करें।
EVM की मेमोरी और माइक्रो कंट्रोलर को लेकर भी मांगी जानकारी
चुनाव के बाद EVM की जली हुई मैमोरी और माइक्रो कंट्रोलर को लेकर प्रक्रिया की भी जानकारी मांगी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग बताए कि इस मुद्दे पर मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure) क्या है? चुनाव आयोग को अब सुप्रीम कोर्ट में EVM की मेमोरी और माइक्रो कंट्रोलर डिलीट करने की पूरी प्रक्रिया की जानकारी देनी होगी। याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग EVM के 4 कम्पोनेंट्स- कंट्रोल यूनिट, बैलट यूनिट, VVPAT और सिंबल लोडिंग यूनिट की ओरिजिनल बर्न मेमोरी और माइक्रो कंट्रोलर की जांच के लिए पॉलिसी बनाए।
सीजेआई ने कही यह बात
CJI संजीव खन्ना ने कहा, यह विरोधात्मक नहीं है। अगर हारने वाला उम्मीदवार स्पष्टीकरण चाहता है तो इंजीनियर स्पष्टीकरण दे सकता है कि छेड़छाड़ नहीं हुई है। इस मामले में अगली सुनवाई 3 मार्च से शुरू होने वाले हफ्ते में होगी। याचिका में मांग की गई है कि EVM की जली हुई मेमोरी और माइक्रो कंट्रोलर को इंजीनियर से वेरिफाइड कराया जाए कि EVM से छेड़छाड़ नहीं हुई है।
बता दें कि एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR), हरियाणा कांग्रेस के नेता सर्व मित्तर, करण सिंह दलाल और 5 बार के विधायक लखन कुमार सिंगला की ओर से दायर याचिकाओं में EVM के कम्पोनेंट्स की जांच हेतु नीति बनाने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा कांग्रेस नेता करण सिंह दलाल की याचिका को खारिज कर दिया।