Supreme Court CJI DY Chandrachud: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को कड़ी फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने उन्हें ये फटकार डीएमके नेता के. पोनमुडी को मंत्री पद पर शामिल न करने पर लगाई। डीएमके नेता की सजा पर रोक के बावजूद उन्हें मंत्री पद पर शामिल नहीं किया गया। इसे लेकर एमके स्टालिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सीजेआई की कड़ी टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी कड़ी टिप्पणी में कहा कि राज्यपाल सर्वोच्च न्यायालय की अवहेलना कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि यदि राज्यपाल संविधान का पालन नहीं करते हैं, तो सरकार ऐसे में क्या कदम उठाती है?
#WATCH | Chennai: On Supreme Court questions Tamil Nadu governor RN Ravi for not appointing DMK leader K Ponmudi as minister, DMK Spokesperson TKS Elangovan says, "…The court has ordered that the Governor had no authority to do that. Swearing-in and removal of ministers are in… pic.twitter.com/2rX4Hdv35q
— ANI (@ANI) March 21, 2024
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जजों की पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। अब शीर्ष कोर्ट की ओर से राज्यपाल को डीएमके नेता के पोनमुडी को मंत्री नियुक्त करने के लिए कल तक एक दिन का समय दिया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, तमिलनाडु के राज्यपाल ने के. पोनमुडी को राज्य मंत्रिमंडल में फिर से शामिल करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद एमके स्टालिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। स्टालिन सरकार ने कहा है कि यह राज्यपाल द्वारा संवैधानिक नैतिकता के खिलाफ उठाया गया कदम है।
मद्रास उच्च न्यायालय की ओर से हाल ही में संपत्ति मामले में के. पोनमुडी को बरी किए जाने के फैसले को पलटा गया है। इस फैसले को पलटने के बाद पोनमुडी विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिए गए थे। इसके बाद राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत का रुख किया था।
STORY | SC hits out at TN Guv RN Ravi for refusal to reinduct K Ponmudi as minister after stay on conviction
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VIDEO | "The Supreme Court has reined in the Governor of Tamil Nadu, and this is not the first time. The Governor lacks basic knowledge of… pic.twitter.com/aoYBvkFpO7
— Press Trust of India (@PTI_News) March 21, 2024
जहां सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि और दो साल की जेल की सजा पर रोक लगा दी थी। राज्य सरकार की ओर से इस बीच के. पोनमुडी को मंत्री पद पर बहाल करने की मांग की थी। हालांकि राज्यपाल ने इससे इनकार कर दिया था। उनका तर्क था कि के. पोनमुडी की सजा को केवल निलंबित किया गया है, रद्द नहीं किया गया है।
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