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कौन हैं सुधा मूर्ति, जिन्हें राज्यसभा के लिए किया गया नॉमिनेट

Sudha Murty: पीएम मोदी ने शुक्रवार को जानकारी दी कि राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए सुधा मूर्ति को नॉमिनेट किया है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में सुधा मूर्ति की मौजूदगी हमारी 'नारी शक्ति' का शक्तिशाली प्रमाण है। यह हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है।

सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए किया गया नॉमिनेट
Sudha Murty: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया। इसकी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर एक पोस्ट के जरिए दी। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में सुधा मूर्ति की मौजूदगी नारी शक्ति का एक शक्तिशाली प्रमाण है। मैं उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं।

'सुधा मूर्ति का योगदान प्रेरणादायक रहा है'

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। उनका सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में योगदान अतुलनीय और प्रेरणादायक रहा है। राज्यसभा में सुधा मूर्ति की मौजूदगी हमारी 'नारी शक्ति' का एक शक्तिशाली प्रमाण है, जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है। मैं उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं। यह भी पढ़ें: 37000 करोड़ रुपये नेटवर्थ… पत्नी को ड्रॉप करने के लिए 11 घंटे तक बिना टिकट ट्रेन में की यात्रा, कौन है वह अरबपति?

कौन हैं सुधा मूर्ति?

सुधा मूर्ति प्रसिद्ध टीचर और राइटर हैं। उन्होंने कई किताबें लिखी हैं। उनका जन्म 19 अगस्त 1950 को शिगांव में हुआ था। उनके पति का नाम एन. नारायण मूर्ति हैं, जो इंफोसिस के को-फाउंडर हैं। दोनों ने 1978 में शादी की थी। सुधा इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं। उनके बेटे का नाम रोहन मूर्ति और बेटी का नाम अक्षता मूर्ति है। अक्षता की शादी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ हुआ है।

सुधा मूर्ति को कौन-कौन सम्मान मिले हैं?

सुधा मूर्ति को भारत सरकार ने 2006 में पद्म श्री और 2023 में पद्म भूषण से सम्मानित किया है। इसके साथ ही, उन्हें 2006 में आरके नारायण पुरस्कार और 2023 में साहित्य अकादमी पुरस्कार व ग्लोबल इंडियन अवार्ड से सम्मानित किया गया है। सुधा को 2019 में आईआईटी कानपुर ने डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से सम्मानित किया है।

टेल्को में नियुक्ति होने वाली पहली महिला इंजीनियर हैं सुधा मूर्ति

सुधा मूर्ति देश की सबसे बड़ी ऑटो निर्माता कंपनी टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी यानी टेल्को में नियुक्ति पाने वाली पहली महिला इंजीनियर हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे में एक डेवलमेंट इंजीनियर के रूप में कंपनी में शामिल हुई थीं। सुधा ने 1996 में इंफोसिस फाउंडेशन की शुरुआत की। वह बेंगलुरु यूनिवर्सिटी की विजिटिंग प्रोफेसर भी हैं। उन्होंने क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाया है। यह भी पढ़ें:  ‘मैंने खुद 85-90 घंटे काम किया’; Narayana Murthy ने बताया अपनी सफलता का राज, बोले- गरीबी से बचने का एक तरीका है…


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