Shankaracharya Tells Why Ram Mandir Is Incomplete : उत्तराखंड ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बीते दिनों यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया था कि राम मंदिर पूरा नहीं है और इस वजह से वह इसके उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। अब रविवार को उन्होंने इसका कारण बताया है।
शंकराचार्य ने कहा कि मंदिर भगवान का शरीर होता है। उसकी चोटी भगवान की आंखों और कलश उनके सिर का प्रतीक होता है। मंदिर पर लगा ध्वज उनके बाल होते हैं। उन्होंने कहा कि बिना आंख या सिर के शरीर में प्राण प्रतिष्ठा करना सही नहीं होगा। यह धर्म ग्रंथों के खिलाफ होगा। इसीलिए मैंने अयोध्या न जाने का निर्णय लिया है।
अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि मंदिर का निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। हमारे शास्त्रों के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा तभी होनी चाहिए जब मंदिर पूरी तरह से बन गया हो। ऐसे में इस कार्यक्रम में शामिल होना मेरे लिए ठीक नहीं होगा।
मंदिर निर्माण पूरा हो जाए तब हो जश्न
उन्होंने कहा कि अगर मैं अयोध्या जाऊंगा तो लोग कहेंगे कि मेरे सामने धर्म ग्रंथों में बताई बातों का उल्लंघन किया गया। मैंने अयोध्या ट्रस्ट के सदस्यों के साथ संबंधित लोगों के सामने यह मुद्दा उठाया है कि जश्न तब मनाया जाना चाहिए जब मंदिर का निर्माण पूरा हो गया हो। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा कि इस पर चर्चा हो रही है।