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Sabse Bada Sawal, 29 March 2023: अपमान होता जा रहा बेलगाम! अदाणी पर तनानती…विपक्ष की संजीवनी? देखें बड़ी बहस

Sabse Bada Sawal, 29 March 2023: नमस्कार… मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल में मैं बात करने वाला हूं अपमान की, जी हां अपमान की। इसका दायरा लगातार फैलता जा रहा है। बढ़ता जा रहा है। अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है। बात-बात पर आजकल देश का अपमान, नेता एक दूसरे पर अपने अपमान किए […]

Sabse Bada Sawal, 29 March 2023: नमस्कार... मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल में मैं बात करने वाला हूं अपमान की, जी हां अपमान की। इसका दायरा लगातार फैलता जा रहा है। बढ़ता जा रहा है। अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है। बात-बात पर आजकल देश का अपमान, नेता एक दूसरे पर अपने अपमान किए जाने का आरोप लगा रहे हैं। संसद का अपमान इसमें जुड़ गया। लोकतंत्र का अपमान, न्यायपालिका का अपमान, एक समुदाय, एक जाति का अपमान। आजकल बात-बात पर अपमानित महसूस करना एक शगल सा बनता जा रहा है। पर इसमें मूल सवाल क्या है और क्या होना चाहिए?

फिर हंगामा और कार्यवाही स्थगित

दरअसल कल भी मैंने इस पहलू को छुआ था। जो देश की आम जनता है, आप मैं हम सब लोग, we the people of India, भारत के नागरिक, जनता जनार्दन ही भगवान हैं। जनता के भले के लिए ही ये पूरी व्यवस्था है। ये पूरा ताना-बाना ये पूरा ढांचा है। जनता के सरोकार, जनता के मुद्दे, जनता की परेशानियां, जनता की अपेक्षाएं, आकांक्षाएं, उम्मीदें इनकी चर्चा भी हो रही है या नहीं? कहने को ये सब मेरे लिए, आपके लिए ही हो रहा है। संसद आज भी नहीं चली। कल भी मैंने कहा था ये सबसे बड़ी पंचायत है, लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है। फिर हो हंगामा हुआ। कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

संसद की कार्यवाही मिनटों में

13 मार्च को जब संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हुआ था, तब से अब तक का हाल ये रहा। 13 मार्च को 17 मिनट कार्यवाही चली लोकसभा में, 14 मार्च को 10 मिनट, 15 मार्च को 15 मिनट, 16 मार्च को साढ़े तीन मिनट, 17 मार्च को 21 मिनट, 20 मार्च को 21 मिनट, 21 मार्च को 30 मिनट, 23 मार्च को 23 मिनट, 24 मार्च को 45 मिनट, 27 मार्च को 10 मिनट और 28 मार्च को केवल 6 मिनट। आंकड़े मिनटों में हैं। कम से कम 6 घंटे की तो कार्यवाही होनी चाहिए, लेकिन वहां चर्चा का नाम ही नहीं लिया जा रहा। हो हंगामा हो रहा है।

अब पिछड़ी जातियों के अपमान का मुद्दा उठा

जो बात शुरू हुई थी देश के अपमान से कि सात समंदर पार देश का अपमान किया राहुल गांधी ने, संसद में उनके माफी मांगने की मांग उठी। पर संसद में सफाई नहीं सुनी गई। अब संसद से बाहर हो गए हैं राहुल गांधी, क्योंकि उन्होंने मोदी जाति का अपमान कर दिया। 2019 का मामला कोलार कर्नाटक में दिए एक स्पीच का मामला, फैसला आया 23 मार्च को, मिली 2 साल की सजा और 2 साल की सजा का मतलब सांसदी गई और अगर ऊपरी अदालत फैसला नहीं पलटती है तो वह 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते। लेकिन बात आ गई मोदी समुदाय के अपमान की यानी कि पिछड़ी जातियों के अपमान की। जी, पिछड़ी जाति का अपमान हो गया और 6 अप्रैल से 14 अप्रैल तक बीजेपी गांव-गांव, घर-घर एक अभियान भी चलाएगी। बताएगी पिछड़ी जाति को किस तरह से अपमानित किया जाता है। किस तरह की मानसिकता है। उधर विपक्ष कहने लगा यह लोकतंत्र का अपमान है। धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, हमारे माइक म्यूट किए जा रहे हैं। बोलने नहीं दिया जा रहा है। राहुल गांधी से डर गए प्रधानमंत्री मोदी।

म्यूट हो गई थी संसद

संसद ही म्यूट हो गई 16 मिनट के लिए। पर इसमें आम आदमी का अपमान नहीं हो रहा है क्या? आप हमारे नुमाइंदे हैं, संसद अगर चलेगी नहीं तो संसद का यह जो मेकओवर हो रहा है, आपको पता है ना सेंट्रल विस्टा जहां सरकार बैठती है उस इलाके को चमकाया जा रहा है। हजारों करोड रुपए लगेंगे। 13000 से 21000 करोड़ का अनुमान है। लेकिन मैं अभी संसद परिसर तक ही अपने आप को सीमित रखूंगा। जो नया संसद परिसर बन रहा है, उसकी लागत 971 करोड़ बताई जा रही थी, अब लगभग 12 सौ करोड़ का आकलन है और बीते शीतकालीन सत्र में नए परिसर में संसद को पहुंच जाना था अब कहां जा रहा है आने वाले मानसून सत्र में संसद वहां बैठेगी। पर अगर काम ही नहीं करना संसद में हो हंगामा ही होना है तो इस मेकओवर का क्या फायदा होगा? और ये भी आपका और मेरा पैसा ही है जिससे नया परिसर बनेगा। परिसर नया, रुख तेवर और वातावरण पुराना। इससे कुछ हल निकलेगा क्या?

काले कपड़े पहने तो काला जादू

अब आज काले कपड़े पहन कर आए फिर से विपक्ष के नेता, जेपीसी की मांग की, यह अदानी पर तनातनी यह लगातार चलती जा रही है। काले कपड़े को लेकर पियूष गोयल ने कहा यह काला जादू कर रहे हैं। अब कलर को लेकर भी काले को काला जादू से जोड़ दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी एक मीडिया समूह के कार्यक्रम में कहते हैं कि हम पर जो यह आरोप लग रहे हैं सब कुछ शुभ है, शुभ में काला टीका भी लग जाता है। उसे वो शुभ बताते हैं। उधर काले कपड़े को काला जादू कहकर भी बताया जाता है और एक के बाद एक केंद्रीय मंत्री आ रहे हैं और टीका टिप्पणी कर रहे हैं। देखिए राजनीति में व्यक्तिगत आक्षेप चलते रहते हैं पर जब संसद चल रही हो, आज एक विधेयक बिना किसी चर्चा के कानून बन गया, पास हो गया। मतलब राष्ट्रपति की संस्तुति के बाद कानून भी बन जाएगा, संसद ने पास कर दिया है। तो देखिए अपमान होता जा रहा है बेलगाम! अदाणी पर तनातनी...विपक्ष की संजीवनी? देखिए बड़ी बहस... यह भी पढ़ें: Rahul Gandhi Defamation: राहुल गांधी को अब पटना कोर्ट ने भेजा समन, जानें क्या है मामला


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