TrendingBhai Dooj 2024Maharashtra Assembly Election 2024Jharkhand Assembly Election 2024IND vs NZdiwali 2024

---विज्ञापन---

Sabse Bada Sawal, 21 April 2023: इंडिया खुशहाल…भारत बदहाल, कमाई बढ़ेगी नहीं तो अर्थव्यवस्था कैसे दौड़ेगी? देखें बड़ी बहस

Sabse Bada Sawal, 21 April 2023: नमस्कार, मैं हूं संदीप चौधरी। आजकल राजनीतिक खबरों का सीजन है। आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। इसी पर बहस भी हो रही है। लेकिन आज सबसे बड़े सवाल में मैं बात करने वाला हूं आपकी, अपनी, हम सबकी। देश की और देश के नागरिकों की। आजादी के बाद हमें […]

Sandeep Chaudhary Show
Sabse Bada Sawal, 21 April 2023: नमस्कार, मैं हूं संदीप चौधरी। आजकल राजनीतिक खबरों का सीजन है। आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। इसी पर बहस भी हो रही है। लेकिन आज सबसे बड़े सवाल में मैं बात करने वाला हूं आपकी, अपनी, हम सबकी। देश की और देश के नागरिकों की। आजादी के बाद हमें पढ़ाया गया कि भारत एक अमीर देश है, लेकिन इसके बाशिंदे गरीब हैं। इसकी वजह भी है। अंग्रेजों ने हमें नींबू की तरह निचोड़ दिया था, लेकिन भारत खड़ा हुआ। आज हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। ये गर्व करने वाली बात है। लेकिन क्या इसी में एक अलग तस्वीर भी छिपी है। ये देश दो हिस्सों में अपने को बंटा पाता है क्या? एक इंडिया जो साधन संपन्न है। जिसकी आमदनी बढ़ रही है, ग्रोथ स्टोरी दिखाई दे रही है। पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा की कोई कमी नहीं दिखाई देती है। लेकिन एक भारत भी है जो गरीबी के जंजाल में फंसा पाता है। उसकी आवाज सुनाई नहीं देती है। यदि आवाज आती भी है तो वह दिल्ली और राष्ट्रीय मीडिया तक नहीं पहुंच पाती है। मैं ये पृष्ठिभूमि क्यों बांध रहा हूं? दरअसल कुछ आंकड़े आए हैं। मैं ग्रामीण भारत से शुरू करता हूं। हमें लगातार बताया जा रहा है कि कोविड के बाद अब हम तेजी से दौड़ने लगेंगे। उदाहरण के तौर पर बाइक की बिक्री को ही लेते हैं। कोविड से पहले जो डिमांड थी, उसमें 16 फीसदी कमी आई है। 63 फीसदी गैर जरूरी चीजों पर अपना खर्च घटा दिया है। 74 फीसदी लोग अपने पैसे को लेकर चिंतित हैं। वहीं, अगर हम इंडिया की बात करें तो चाणक्यपुरी में रोलेक्स घड़ी का शोरूम है। वहां काउंटर खाली। मांग इतनी है कि वे बेच नहीं पा रहे हैं। वेटिंग लिस्ट चल रही है। मर्सिडीज बेंज और ई क्लास का वेटिंग पीरियड 16 महीने का है। लग्जरी चीजों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। क्या हम दो खेमे में बंट गए हैं? किराने की दुकान पर जो 50 रुपए का माल खरीदते हैं, उनमें सात फीसदी गिरावट आ गई है। कौन खरीदता था ये माल? जो 200 रुपए से ज्यादा थे, उनकी मांग बढ़ गई है। अब आरबीआई का आंकड़ा देखिए। 2014-15 से 21-22 पिछले आठ सालों में खेतिहर मजदूरी में 0.9 फीसदी का इजाफा हुआ है। निर्माण के क्षेत्र में जो लगा है उसमें 0.2 फीसदी और गैर खेतिहर मजदूर की मजदूरी में 0.3 फीसदी का इजाफा हुआ है। मतलब जहां थे वहीं खड़े हैं। महंगाई हर साल बढ़ रही है, कमाई लगातार घट रही है। जो कोरोनाकाल में मनरेगा में 42 दिन काम मिल रहा है, जबकि मिलना 100 दिन चाहिए था। तो आज का सवाल यही है कि इंडिया खुशहाल...भारत बदहाल, कमाई बढ़ेगी नहीं तो अर्थव्यवस्था कैसे दौड़ेगी? देखिए बड़ी बहस यह भी पढ़ें: Today’s Latest News, 22 April 2023: कहां क्या हुआ? यहां पढ़िए लोकल और देश की हर छोटी-बड़ी जरूरी खबर


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.