तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए बजट से रुपये के सिंबल को हटा दिया है। वित्त वर्ष 2025-26 के बजट के लिए जो लोगो जारी किया गया था, उसमें भारतीय रुपये के प्रतीक चिह्न को दर्शाया गया था। अब तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने इस सिंबल की जगह एक तमिल अक्षर का उपयोग करने का फैसला लिया है। इस फैसले के बाद लगातार भाषा विवाद गहराता जा रहा है। आपको बता दें कि रुपये के सिंबल को उदय कुमार धर्मलिंगम ने डिजाइन किया था। उदय तमिलनाडु के कल्लाकुरिची के मूल निवासी हैं। भारत सरकार ने 15 जुलाई 2010 को उनके डिजाइन को अपनाया था।
2010 में की थी पीएचडी
कुमार ने चेन्नई के लॉ चेटेलाइन जूनियर कॉलेज में पढ़ाई की है। उन्होंने 2001 में चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय से स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग (SAP) से आर्किटेक्चर में स्नातक की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने 2003 में IIT बॉम्बे के इंडस्ट्रियल डिजाइन सेंटर (IDC) से विजुअल कम्युनिकेशन में एमडी की डिग्री प्राप्त की। 2010 में उन्होंने पीएचडी की थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि एमके स्टालिन की पार्टी डीएमके से भी उनका रिश्ता रहा है। उनके पिता एन धर्मलिंगम तमिलनाडु में डीएमके के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बन चुके हैं।
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उदय कुमार धर्मलिंगम की गिनती आज के समय में देश के जाने-माने शिक्षाविद और डिजाइनरों में होती है। वे फिलहाल IIT गुवाहाटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत हैं। उदय कुमार के रुपये के सिंबल को जब भारत सरकार ने मंजूरी दी थी, तब उनके पिता एन धर्मलिंगम ने कहा था कि यह उनके लिए गौरव का पल है। आज बेटे ने देश में तमिलनाडु का गौरव बढ़ाया है। बता दें कि उदय ने रुपये के सिंबल को देवनागरी के अक्षर ‘र’ और रोमन के ‘R’ को मिलाकर तैयार किया था।
The DMK Government’s State Budget for 2025-26 replaces the Rupee Symbol designed by a Tamilian, which was adopted by the whole of Bharat and incorporated into our Currency.
Thiru Udhay Kumar, who designed the symbol, is the son of a former DMK MLA.
How stupid can you become,… pic.twitter.com/t3ZyaVmxmq
— K.Annamalai (@annamalai_k) March 13, 2025
अन्नामलाई ने की स्टालिन के फैसले की आलोचना
अब तमिलनाडु ने रुपये के लोगों के बजाय तमिल शब्द ‘रुबय’ का प्रथम अक्षर अंकित किया है। बता दें कि तमिल भाषा में भारतीय रुपये को ‘रुबय’ कहा जाता है। स्टालिन सरकार के इस फैसले की तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने आलोचना की है। इस बाबत उन्होंने एक पोस्ट सोशल मीडिया हैंडल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किया है। उन्होंने कहा कि एक तमिल शख्स के डिजाइन को पूरे भारत ने अपनाया। अब इसे हटाकर मूर्खतापूर्ण फैसला लिया गया है।