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RBI का बैंकों के लिए नया अलर्ट; साइबर हमले का खतरा मंडराया, दुरुस्त रखें सिस्टम

Bank Cyber ​​Attack Threat: आरबीआई ने देशभर के बैंकों के लिए अलर्ट जारी किया है। बैंकों को सलाह दी गई है कि वे अपने सिस्टम को दुरुस्त रखें। 24 घंटे निगरानी करें, क्योंकि कभी भी साइबर अटैक हो सकता है। साइबर अटैक को लेकर खुफिया जानकारी सामने आई है। जिसके बाद आरबीआई सक्रिय हो गया है।

साइबर अटैक का खतरा।
RBI Alert: आरबीआई ने देशभर के बैंकों के लिए साइबर अटैक के संभावित खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। आरबीआई ने बैंकों को सलाह दी है कि 24 घंटे सिस्टम पर निगरानी रखें। सिस्टम में कोई खामी नहीं होनी चाहिए, इसे पूरी तरह दुरुस्त रखें। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चेतावनी दी है कि हैकर्स कभी भी साइबर अटैक कर सकते हैं। आरबीआई को इस बारे में खुफिया जानकारी मिली है। बैंको को कहा गया है कि किसी भी खतरे से बचने और पता लगाने के लिए अपने सिस्टम को सही रखें। इससे पहले 24 जून को भी आरबीआई ने एडवाइजरी जारी की थी। जिसमें रेगुलेटेड एंटिटीज को खतरों से बचने की सलाह दी गई थी।

LulzSec नाम का ग्रुप बना रहा बैंकों को निशाना

एक रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई ने अंदेशा जताया था कि LulzSec नाम का एक खतरनाक ग्रुप भारतीय बैंकों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है। आरबीआई के अनुसार, बैंकों को सबसे अधिक कार्ड नेटवर्क, SWIFT, NEFT, UPI और RTGS जैसी फंड ट्रांसफर प्रणालियों पर अधिक नजर रखने की जरूरत है। इस बाबत रिमाइंडर जारी करके चेताया गया है। बैंकों को DDoS (डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस) जैसे हमलों से बचने के लिए आगाह किया गया है। इनसे बचने के लिए मानक नियंत्रण लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। हैकर्स बैंकों के सिस्टम पर कई तरह से हमले कर ग्राहक सेवाओं और लेन-देन प्रोसेसिंग में बाधा डालते हैं। यह भी पढ़ें- Dating App पर फिक्स हुई ‘डेट’, लड़की की जगह गुंडे कर रहे थे वेट, ऐसे भी होती है ठगी इससे बचने के लिए बैंकों को डीडीओएस सिक्योरिटी, जरूरी प्रणालियों और रिमोट लॉगिन एक्सेस पर पाबंदी लगानी होती है। वायरस या मैलवेयर को भी हैकर्स हथियार बनाते हैं। पिछले दो दशक की बात करें तो हैकर्स भारत को 20 अरब रुपये का चूना लगा चुके हैं। वित्तीय क्षेत्र में साइबर और डिजिटल अटैक लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं, जब राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता, तनाव और विघटन जैसा माहौल होता है, तब साइबर अटैक अधिक होते हैं। एक साल पहले भी रेगुलेटर और CERT-In ने भी कुछ ऐसे ही निर्देश जारी किए थे। ऐसे हमलों से बचने के लिए बैंकों को मजबूत ऑफलाइन बैकअप और रिकवरी रणनीतियां बनाने की आवश्यकता होती है।


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