Ram Mandir में प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त फाइनल, आज रामलला करेंगे स्नान, जानें तीसरे दिन के कार्यक्रम
रामलला अपने नए घर राम मंदिर अयोध्या पहुंच गए हैं। प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां पूरी हैं।
Ram Mandir Ram Lala Pran Pratishtha Anushthan: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त फाइनल हो गया है। दरअसल, प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकेंड का शुभ अभिजीत मुहूर्त है। प्राण प्रतिष्ठा पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, सोमवार, 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से 1 बजे के बीच की जाएगी।
वहीं वैदिक पुजारियों से मिली ताजा जानकारी के अनुसार, अब 22 जनवरी को ठीक साढ़े 12 बजे राम मंदिर गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को दोपहर 12.20 बजे शुरू होगा। एक बजे तक इसका समापन कर दिया जाएगा। 11 पुजारी सभी देवी-देवताओं का आह्वान करते हुए अनुष्ठान कर रहे हैं।
आज PMO प्रतिनिधि मंडल आएगा अयोध्या
आज प्रधानमंत्री कार्यालय से एक प्रतिनिधिमंडल अयोध्या पहुंचेगा। यह प्रतिनिधिमंडल रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों को परखेगा। 21 और 22 जनवरी के प्रधानमंत्री मोदी के अयोध्या प्रवास के दौरान सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा करेंगा। इस प्रतिनिधिमंडल में PMO के अधिकारियों के साथ SPG के उच्च अधिकारी भी शामिल होंगे।
प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का तीसरा दिन
राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के तीसरे दिन आज 18 जनवरी की शाम को रामलला स्नान करेंगे। सरयू नदी के जल से उन्हें स्नान कराया जाएगा। तीर्थ पूजन, जलयात्रा, जलाधिवास, गंधाधिवास होगा। दोपहर करीब डेढ़ बजे प्राण प्रतिष्ठा संकल्प लिया जाएगा।
उसके बाद गणेशाम्बिकापूजन, वरुणपूजन, चतुर्वेदोक्त पुण्याहवाचन, मातृकापूजन, वसोर्धारापूजन (सप्त घृत मातृका पूजन), आयुष्यमन्त्रजप, नान्दीश्राद्ध, आचार्यादिचऋत्विग्वरण, मधुपर्कपूजन, मण्डपप्रवेश, पृथ्वी- कूर्म- अनन्त- वराह-यज्ञभूमि-पूजन, दिग्ररक्षण, पञ्चगव्य - प्रोक्षण, मण्डपाङ्ग वास्तुपूजन, वास्तु बलिदान, मण्डप सूत्रवेष्टन, दुग्ध- धारा, जलधाराकरण, षोडशस्तम्भपूजनादि मण्डपपूजा (तोरण, द्वार, ध्वज, आयुध, पताका, दिक्पाल, द्वारपालादिपूजा), मूर्ति का जलाधि वास, गन्धादिवास, सायंकालिक पूजन एवं आरती होगी।
दूसरे दिन मंदिर में रामलला की एंट्री हुई
अनुष्ठान के दूसरे दिन 17 जनवरी दिन बुधवार को राम मंदिर में रामलला की एंट्री हुई। रामलला को उनके पुराने घर से नए घर में लाया गया। साथ ही रामलला की नई मूर्ति को गर्भगृह के अंदर पहुंचाया गया। इससे पहले सरयू नदी के तट पर कलश पूजन किया गया। 9 महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली।
इसके बाद सरयू नदी के जल से गर्भगृह का शुदि्धकरण किया गया। इसके बाद शाम को पालकी में रामलला अपने नए घर में आए। उन्हें पूरे राम मंदिर में भ्रमण कराया गया और गर्भगृह में सिंहासन पर सुशोभित कर दिया गया। इस दौरान उनके साथ उनके भाई भी रहे। मंडप में आनन्द रामायण का पारायण प्रारम्भ हुआ।
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