Rahul Gandhi Disqualified Case: मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने और उनकी सांसदी जाने के मामले में अब जर्मनी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। जर्मनी ने बुधवार को कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत राहुल गांधी के खिलाफ कार्यवाही पर समान रूप से लागू होंगे।
राहुल गांधी के मामले में जर्मनी या किसी अन्य यूरोपीय देश की यह पहली प्रतिक्रिया थी। जर्मन विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता एनालेना बेयरबॉक ने कहा कि हमारी जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी फैसले के खिलाफ अपील करने की स्थिति में हैं। इसके बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि क्या यह फैसला कायम रहेगा और क्या उनके शासनादेश के निलंबन का कोई आधार है?
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जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की टिप्पणी अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल के यह कहने के बाद आई कि अमेरिका भारतीय अदालतों में गांधी के मामले पर नज़र रख रहा है।
एक मीडिया ब्रीफिंग में पूछे जाने पर कि क्या गांधी का संसद से निष्कासन लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप था, पटेल ने कहा था कि कानून के शासन और न्यायिक स्वतंत्रता के लिए सम्मान किसी भी लोकतंत्र की आधारशिला है और हम भारतीय अदालतों में राहुल गांधी के मामले को देख रहे हैं।
बता दें कि राहुल गांधी को 'मोदी उपनाम' मामले में सूरत कोर्ट ने दोषी ठहराया था और दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द हो गई थी। उन्होंने 2019 में कर्नाटक में एक चुनाव प्रचार रैली के दौरान मोदी सरनेम वाली टिप्पणी की थी।
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