PM मोदी ने अरुणाचल के पहले ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का उद्घाटन किया, बोले- अटकाने, लटकाने, भटकाने का समय गया
Greenfield Airport: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के पहले ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के उद्घाटन के दौरान कहा कि अटकाने, लटकाने और भटकाने का समय चला गया। पीएम मोदी ने कहा कि फरवरी 2019 में इस एयरपोर्ट का शिलान्यास हुआ था और ये सौभाग्य मुझे मिला था। हम ऐसा वर्क कल्चर लाए हैं, जिसका शिलान्यास हम करते हैं, उसका उद्घाटन भी हम करते हैं।
640 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है एयरपोर्ट का निर्माण
ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट राजधानी ईटानगर से लगभग 25 किलोमीटर दूर है। बता दें कि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का निर्माण 640 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इस एयरपोर्ट का उद्देश्य कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना और क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देना है।
अरुणाचल प्रदेश के पहले ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट डोनी पोलो का उद्घाटन करने के बाद इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में 600 मेगावाट कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन राष्ट्र को समर्पित किया। पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में जो सरकार है, उसकी प्राथमिकता देश का विकास है, देश के लोगों का विकास है। साल में 365 दिन, चौबीसों घंटे, हम देश के विकास के लिए ही काम करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं जब भी अरुणाचल आता हूं, एक नई उमंग, ऊर्जा और नया उत्साह लेकर जाता हूं। अरुणाचल के लोगों के चेहरे पर कभी भी उदासीनता और निराशा नहीं झलकती है, अनुशासन क्या होता है? ये यहां हर व्यक्ति और घर में नजर आता है।
पीएम मोदी बोले- उद्घाटन उन लोगों के मुंह पर तमाचा है...
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस हवाईअड्डे का उद्घाटन उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है, जिन्होंने दावा किया था कि अरुणाचल प्रदेश में आगामी चुनावों के कारण शिलान्यास किया गया है। उन्होंने कहा कि हम देश के विकास के लिए काम करते हैं। मैं यहां अरुणाचल प्रदेश में हूं, जहां सूरज उगता है, और दमन में उतरूंगा, जहां सूरज डूबता है। हम चुनाव के लाभ के लिए काम नहीं करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि दशकों से यह क्षेत्र पूर्व के राजनीतिक दलों की बेरुखी का शिकार रहा है। अटल जी ने सरकार बनाई और यह पहली सरकार थी जिसने क्षेत्र के विकास के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया। पीएम ने कहा कि दूर- सुदूर सीमा पर बसे गावों को पहले आखिरी गांव माना जाता था। लेकिन हमारी सरकार ने इन्हें आखिरी गांव, आखिरी छोर नहीं बल्कि देश का प्रथम गांव मानकर काम किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब कल्चर हो या एग्रीकल्चर, कॉमर्स हो या कनेक्टिविटी, पूर्वोत्तर को आखिरी नहीं बल्कि सर्वोच्च प्राथमिकता मिलती है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के प्रयासों के कारण, पूर्वोत्तर का विकास प्राथमिकता बन गया है।संस्कृति हो या कृषि, संपर्क का वाणिज्य, व्यापार या पर्यटन, दूरसंचार या कपड़ा हर क्षेत्र में पूर्वोत्तर को पहली प्राथमिकता मिलती है।
आठ साल में मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर में 7 एयरपोर्ट बनाए
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हवाई अड्डा टर्मिनल एक आधुनिक इमारत है, जो ऊर्जा दक्षता, नवीकरणीय ऊर्जा और संसाधनों के पुनर्चक्रण को बढ़ावा देती है। डोनी पोलो हवाई अड्डा अरुणाचल प्रदेश के लिए तीसरा परिचालन हवाई अड्डा होगा, जो उत्तर-पूर्व क्षेत्र में कुल हवाई अड्डे की संख्या को 16 तक ले जाएगा। 1947 से 2014 तक उत्तर-पूर्व में केवल नौ हवाई अड्डे बनाए गए थे। तब से आठ वर्षों की छोटी अवधि में मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर में सात हवाई अड्डे बनाए हैं।
पांच पूर्वोत्तर राज्यों मिजोरम, मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के हवाई अड्डों ने 75 वर्षों में पहली बार उड़ानें शुरू की हैं। बयान में कहा गया है, “उत्तर-पूर्व में विमानों की आवाजाही में भी 2014 के बाद से 113 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो 2014 में 852 प्रति सप्ताह से बढ़कर 2022 में 1817 प्रति सप्ताह हो गई है।”
हवाई अड्डे का नाम अरुणाचल प्रदेश की परंपराओं और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सूर्य (दोन्यी) और चंद्रमा (पोलो) के प्रति इसकी सदियों पुरानी स्वदेशी श्रद्धा को दर्शाता है।
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