नई दिल्ली: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्बेकिस्तान पहुंच चुके हैं। यहां पहुंचने पर उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला अरिपोव, समरकंद के गवर्नर और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। पीएम मोदी एससीओ समिट में भाग लेंगे के साथ-साथ उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति और शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।
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इस बैठक में रूस, चीन और पाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष भाग ले रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि पीएम मोदी की रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ अलग बातचीत हो सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी शिखर सम्मेलन शामिल होंगे।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के आठ सदस्य देश चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान कजाख्स्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान हैं। इसके अलावा चार ऑब्जर्वर देश अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया हैं। छह डायलॉग सहयोगी अर्मेनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्की हैं। एससीओ का मुख्यालय चीन की राजधानी बीजिंग में है।
क्षेत्रीय बहुपक्षीय संगठन 2001 में रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के सदस्यों के साथ स्थापित किया गया था, जबकि भारत और पाकिस्तान 2017 में पूर्ण सदस्य बन गए थे।
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भारत के लिहाज से इस बार का SCO शिखर सम्मेलन काफी अहम है, क्योंकि सितंबर 2023 में आयोजित होने वाले अगले समिट की अध्यक्षता भारत करेगा। जिसमें चीन, रूस और पाकिस्तान के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।
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