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Bilawal Bhutto on PM Modi: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने UNSC में PM मोदी के खिलाफ दिया आपत्तिजनक बयान

Bilawal Bhutto on PM Modi: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक बयान के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी अपना आपा खो बैठे। उन्होंने विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंच पर आपत्तिजनक बातें कही। दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि […]

Bilawal Bhutto on PM Modi: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक बयान के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी अपना आपा खो बैठे। उन्होंने विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंच पर आपत्तिजनक बातें कही। दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि 9/11 के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान ने पनाह दिया था। उनके इस बयान के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने गुरुवार को कहा, "(मैं भारत को बताना चाहता हूं) कि ओसामा बिन लादेन मर चुका है, लेकिन गुजरात का कसाई जिंदा है और वह भारत का प्रधानमंत्री है।" Tawang Clash: तवांग झड़प पर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का बयान, कहा- चीन LAC पर फौज और सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ा रहा है

कहा- हिटलर के 'SS' से प्रेरणा लेता है 'RSS'

बिलावल भुट्टो संयुक्त राष्ट्र की बैठकों में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क में थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका (पीएम मोदी) प्रधानमंत्री बनने तक इस देश में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। ये आरएसएस के प्रधानमंत्री और आरएसएस के विदेश मंत्री हैं। आरएसएस क्या है? आरएसएस हिटलर के 'एसएस' से प्रेरणा लेता है। H-2B Visas: फाइनेंशियल ईयर 2023 के लिए अमेरिका जारी करेगा 64,716 अतिरिक्त H-2B वीजा

एस जयशंकर ने क्या कहा था

बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने परिषद में कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए पाकिस्तान को फटकार लगाई थी और कहा था कि जिस देश ने अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मेजबानी की और पड़ोसी संसद पर हमला किया, उसे संयुक्त राष्ट्र में उपदेश देने का साख नहीं है। जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता हमारे समय की प्रमुख चुनौतियों पर प्रभावी प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है, चाहे वह महामारी हो, जलवायु परिवर्तन हो, संघर्ष हो या आतंकवाद हो, और ऐसे खतरों का सामान्यीकरण कभी भी स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। और पढ़िए -  दुनिया से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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