विदेश मंत्रालय ने 9 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने 8 मई की रात भारत पर ड्रोन और मिसाइल से हमला करने की योजना बनाई थी। मंत्रालय ने कहा कि इस हमले का मकसद भारत के सैन्य ठिकानों (यानी सेना से जुड़ी जगहों) की जानकारी लेना और हमारे एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत को जांचना था। इस हमले में पाकिस्तान की सेना ने तुर्की में बने खास ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिनका नाम ‘Assisguard Songar’ है। ये ड्रोन निगरानी करने और सही निशाने पर हमला करने के लिए जाने जाते हैं। शुरुआती जांच में जब ड्रोन का मलबा मिला, तो उससे पता चला कि ये वही ड्रोन थे। इस तरह यह साफ हो गया कि पाकिस्तान की तरफ से साजिश रची गई थी।
सीमा पर ड्रोन और गोलीबारी से घुसपैठ की कोशिश
- रात में घुसपैठ की कोशिश: 8 और 9 मई की रात पाकिस्तान ने भारत की हवाई सीमा में कई बार घुसने की कोशिश की।
- सीमा पर घटनाएं: ये घटनाएं नियंत्रण रेखा (LoC) और भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हुईं।
- भारी फायरिंग: पाकिस्तान ने इस दौरान बड़े हथियारों से गोलीबारी भी की।
- ड्रोन का इस्तेमाल: पाकिस्तान ने करीब 36 जगहों से 300 से 400 ड्रोन और दूसरी तकनीकों से भारत में घुसपैठ की कोशिश की।
- ड्रोन बिना हथियार के थे: ये ड्रोन ज्यादातर बिना हथियारों के थे। उनका उद्देश्य हमला करना नहीं था।
- जानकारी जुटाने का मकसद: ड्रोन भेजने का असली मकसद भारत की सेना से जुड़ी जगहों और सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी लेना था।
- डर फैलाना भी हो सकता है मकसद: पाकिस्तान शायद इन ड्रोन के जरिए भारत में डर और अफरा-तफरी फैलाना भी चाहता था।
भारतीय सेना ने समय रहते हमले को रोका
स्थिति तब और गंभीर हो गई जब पाकिस्तान का एक सशस्त्र ड्रोन (UAV) पंजाब के बठिंडा स्थित सैन्य स्टेशन को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा था। हालांकि भारतीय सेना की सतर्कता से इस हमले को नाकाम कर दिया गया और ड्रोन को समय रहते नष्ट कर दिया गया। यह हमला भारत की सुरक्षा के खिलाफ एक गंभीर साजिश माना जा रहा है, जिसमें भारत की सामरिक सूचनाओं की चोरी और एयर डिफेंस साइट्स की जांच करने की कोशिश की गई।
भारत का करारा जवाब और ड्रोन हमला
पाकिस्तान की इस घुसपैठ का भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की चार एयर डिफेंस साइट्स पर सशस्त्र ड्रोन भेजे। इनमें से एक ड्रोन ने पाकिस्तानी एयर डिफेंस रडार को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि भारत अपनी सुरक्षा के प्रति पूरी तरह सजग और सक्षम है। विदेश मंत्रालय ने इस घटनाक्रम को गंभीर अंतरराष्ट्रीय उल्लंघन बताया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की अपील की है।