---विज्ञापन---

पाकिस्तान की दगाबाजी का किस्सा! 2 बार गणतंत्र दिवस पर आए मुख्य अतिथि; 6 महीने बाद छेड़ दिया युद्ध

Republic Day Pakistan Chief Guests: गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल किसी न किसी देश के गणमान्य चीफ गेस्ट के रूप में भारत आते हैं। मगर क्या आप जानते हैं पाकिस्तान भी 2 बार गणतंत्र दिवस का चीफ गेस्ट रह चुका है। दूसरी बार गणतंत्र दिवस में शिरकत करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था।

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Jan 26, 2025 13:00
Share :
Republic Day Pakistan Chief Guests

Republic Day Pakistan Chief Guests: देश में 76वां गणतंत्र दिवस मनाया गया है। इस खास मौके पर भारत ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबिआंतो को चीफ गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया था। प्रबावो सुबिआंतो तीन दिवस की यात्रा पर भारत आए हैं और उन्होंने गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की है। इसी तरह भारत हर साल किसी न किसी देश की राजनीतिक शख्सियत को चीफ गेस्ट के रूप में आमंत्रित करता है। मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि पाकिस्तान के शीर्ष अधिकारियों ने भी 2 बार भारतीय गणतंत्रता दिवस में मुख्य अतिथि रह चुके हैं।

1955 में गवर्नर जनरल बने चीफ गेस्ट

भारत की आजादी और बंटवारे के 8 साल बाद ही पाकिस्तान को गणतंत्र दिवस में शामिल होने का न्यौता भेजा गया था। 1955 में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद ने बतौर चीफ गेस्ट गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया था। 1955 में संविधान को लागू हुए 5 साल पूरे हुए थे। ऐसे में गणतंत्र दिवस की पांचवी वर्षगांठ पर पाकिस्तान के गवर्नर जनरल भारत आए थे।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें- सुशील मोदी से लेकर पंकज उधास तक, यहां देखें 139 पद्म अवॉर्डीज की पूरी लिस्ट

1965 में कृषि मंत्री ने की शिरकत

इसके ठीक 10 साल बाद 1965 में एक बार फिर गणतंत्र दिवस के मौके पर पाकिस्तान को बुलावा भेजा गया। इस बार पाकिस्तान के कृषि मंत्री राना अब्दुल हामिद चीफ गेस्ट के रूप में भारत पहुंचे थे। भारत में उनका भव्य स्वागत किया गया। हालांकि इतने सम्मान के बावजूद पाकिस्तान अपनी करतूतों से बाज नहीं आया।

---विज्ञापन---

6 महीने बाद हुआ युद्ध

1965 के गणतंत्र दिवस को 2 महीने ही बीते थे कि मार्च के आखिर में पाकिस्तानी सेना ने गुजरात के कच्छ में झड़पें शुरू कर दीं। पाकिस्तान एक बड़े युद्ध की तैयारी कर रहा था। इसी साल अगस्त में हजारों की संख्या में पाकिस्तानी सैनिकों चोरी-छिपे कश्मीर में घुस आए। अगस्त 1965 में दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू हो गया। भारतीय सेना ने न सिर्फ पाकिस्तानी सैनिकों को परास्त किया बल्कि तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आदेश पर लाहौर तक कब्जा कर लिया।

संयुक्त राष्ट्र ने किया हस्तक्षेप

आखिर में संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की और 23 सितंबर 1965 को भार-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम लागू हो गया। दोनों देशों की सेनाएं अपनी सीमाओं में लौट आईं। इसी हमले के बाद जनवरी 1966 में पीएम लाल बहादुर शास्त्री ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करने ताशकंद गए, जहां रहस्यमयी तरीके से उनका निधन हो गया।

यह भी पढ़ें- राष्ट्रपति भवन में बजा शाहरुख खान की फिल्म का गाना, इंडोनेशियन्स ने गाया ‘कुछ-कुछ होता है’; देखें Video

HISTORY

Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Jan 26, 2025 01:00 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें