जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच टेंशन बढ़ती जा रही है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहलगाम अटैक को लेकर बड़ा यान दिया। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हमला करके दुश्मन यह न सोचे की, उसकी जीत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार एक-एक मौत का बदला लेगी। इस देश की एक-एक इंच जमीन से आतंकवाद का खत्म करेगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिना पाकिस्तान का नाम लिए दुश्मन को बड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले का चुन-चुन कर जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई कायरतापूर्ण हमला करके यह सोचता है कि यह उनकी बड़ी जीत है तो एक बात समझ लीजिए, यह नरेंद्र मोदी सरकार है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। इस देश के हर इंच से आतंकवाद को उखाड़ फेंकना हमारा संकल्प है और यह पूरा होगा।
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पहलगाम के आतंकियों को जरूर मिलेगी सजा : अमित शाह
अमित शाह ने आगे कहा कि इस लड़ाई में न केवल 140 करोड़ भारतीय बल्कि पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है, दुनिया के सभी देश एक साथ आए हैं और आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में भारत के लोगों के साथ खड़े हैं। मैं यह संकल्प दोहराना चाहता हूं कि जब तक आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी और जिन्होंने इसे अंजाम दिया है, उन्हें उचित सजा जरूर मिलेगी।
हर एक को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा : शाह
उन्होंने कहा कि मैं आज जनता से कहना चाहता हूं कि हम 90 के दशक से कश्मीर में आतंकवाद चलाने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर मजबूती से लड़ रहे हैं। आज वो (आतंकवादी) ये न सोचें कि उन्होंने हमारे नागरिकों की जान लेकर लड़ाई जीत ली है। मैं आतंक फैलाने वालों से कहना चाहता हूं कि ये लड़ाई खत्म नहीं हुई है, हर एक को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
बोडोफा के सम्मान समारोह में क्या बोले गृह मंत्री?
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने हर चीज का कड़ा जवाब दिया है, चाहे वह उत्तर पूर्व हो, वामपंथी उग्रवाद के क्षेत्र हों या कश्मीर में आतंकवाद का साया हो। केंद्रीय गृह मंत्री ने बोडोफा उपेंद्रनाथ ब्रह्मा की विरासत को सम्मानित करने के लिए सड़क और प्रतिमा के उद्घाटन समारोह में कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे कैलाश कॉलोनी में बोडोफा के सम्मान में प्रतिमा का अनावरण और सड़क का उद्घाटन करने का अवसर मिला है। यह प्रतिमा न सिर्फ बोडो समुदाय के लिए बल्कि उन सभी छोटी जनजातियों के लिए भी महत्वपूर्ण है जिन्होंने अपनी भाषा, संस्कृति और विकास के लिए संघर्ष किया। बोडोफा की मूर्ति न सिर्फ बोडो समुदाय बल्कि ऐसी सभी छोटी जनजातियों का सम्मान बढ़ाती है।
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