पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में मौजूद आतंकियों के ठिकानों पर हमला बोला है। भारत का कहना है कि यह हमला केवल आतंकवादियों पर केंद्रित था, न कि पाकिस्तानी सेना या आम नागरिकों पर। ऐसे में भारत ने न केवल पहलगाम हमले के दोषियों से बदला लिया, बल्कि युद्ध की शुरुआत भी नहीं की है। क्या पाकिस्तान भारत पर पलटवार करेगा? पाकिस्तान कई मायनों में भारत पर हमला ना करने पाने को लेकर मजबूर है। पढ़ें क्यों।
भारत ने केवल आतंकियों को बनाया निशाना
भारत ने इस कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना या आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाया, बल्कि उन आतंकियों पर हमला किया, जो भारत में नागरिकों की हत्या में शामिल थे। भारतीय सेना ने न तो बॉर्डर पार किया और न ही पाकिस्तानी सेना को नुकसान पहुँचाया — फिर भी आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। भारत ने इस तरह की रणनीतिक कार्रवाई की है कि पाकिस्तान को इसका जवाब देने से पहले कई बार सोचने की ज़रूरत पड़ेगी।
अब पाकिस्तान क्या करेगा?
भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के खिलाफ सबूतों के साथ कार्रवाई की है लेकिन पाकिस्तान यदि जवाबी हमला करता है तो वह किन्हें निशाना बनाएगा? भारत में न तो आतंकी हैं और न ही पाकिस्तान के किसी दुश्मन को भारत पनाह देता है। यदि पाकिस्तान हमला करता है, तो उसकी चपेट में भारतीय नागरिक या सेना के जवान आ सकते हैं जो अंतरराष्ट्रीय युद्ध नियमों का सीधा उल्लंघन होगा।
युद्ध की स्थिति में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के नियम और प्रोटोकॉल को मानना होता है। इनका उद्देश्य आम नागरिकों की सुरक्षा और मानवीय व्यवहार सुनिश्चित करना होता है।
इन प्रावधानों के तहत:
- आम नागरिकों को निशाना बनाना प्रतिबंधित है,
- स्वास्थ्य सेवाओं और राहत कार्यों में बाधा नहीं डाली जा सकती,
- युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों को सुरक्षित निकलने की अनुमति देना अनिवार्य है।
- भारत ने इन सभी प्रावधानों का पालन किया है।
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पाकिस्तान क्यों है मजबूर?
1. नवाज शरीफ की चेतावनी
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने बड़े भाई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक नवाज शरीफ ने स्पष्ट तौर पर कहा कि युद्ध से देश को नुकसान होगा, इसलिए इससे बचा जाए।
2. IMF की बैठक
9 मई को पाकिस्तान की IMF (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) के साथ एक अहम बैठक है, जिसमें पाकिस्तान को कर्ज दिए जाने पर फैसला होना है। भारत ने ठीक दो दिन पहले आतंकियों पर कार्रवाई करके पाकिस्तान को मुश्किल में डाल दिया है। यदि पाकिस्तान अब युद्ध करता है, तो IMF उसका कर्ज रोक सकता है — जिससे उसकी आर्थिक स्थिति और बिगड़ सकती है।
3. वैश्विक समर्थन का अभाव
पाकिस्तान के साथ इस समय न अमेरिका है, न रूस। आतंकवाद के मुद्दे पर इन दोनों देशों ने पाकिस्तान से दूरी बना ली है। ऐसे में पाकिस्तान के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन नहीं है।