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नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्चर, चंद्रयान-4 मिशन, स्पेस स्टेशन… 2040 तक ऐसे अंतरिक्ष का ‘किंग’ बनेगा ISRO

ISRO Space Mission Till 2040: इसरो ने साल 2040 तक के स्पेस मिशन प्लान कर लिए हैं, जिनके बारे में आज नेशनल स्पेस डे पर खुद इसरो के अध्यक्ष ने जिक्र किया और पूरी दुनिया को अपने इरादे स्पष्ट कर दिए। उन्होंने दुनिया को बता दिया है कि भारत अगले 15 साल में अंतरिक्ष की दुनिया का 'राजा' बनने की तैयारी में जुट गया है।

इसरो के अध्यक्ष ने नेशनल स्पेस डे के मौके पर विशेष कार्यक्रम में शिरकत की।

ISRO Space Programmes Till 2040: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) अध्यक्ष वी. नारायणन ने भारत को अंतरिक्ष का 'राजा' बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने 'चंद्रयान-3' मिशन के 2 साल पूरे होने पर 'चंद्रयान-4' मिशन का ऐलान किया। साथ ही भारत के साल 2040 तक के स्पेस मिशन और प्रोग्राम गिनाए। मौका था नेशनल स्पेस डे का, जिसे आज 23 अगस्त 2025 को मनाया जा रहा है।

वहीं इस मौके पर दिल्ली में बने 'भारत मंडपम' में एक कार्यक्रम हुआ, जिसमें इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह और भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने शिरकत की। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों की सफलता और उपलब्धियों का का जिक्र किया।

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इसरो अध्यक्ष ने गिनाए यह सभी मिशन

वहीं इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि 'इंडिया टू बी स्पेस किंग' प्रधानमंत्री मोदी का ड्र्रीम प्रोजेक्ट है। उनके निर्देश और विजन के आधार पर ही इसरो ने चंद्रयान-4 मिशन की तैयारी शुरू कर दी है। वीनस ऑर्बिटर मिशन भी शुरू करेंगे। साल 2035 तक भारत के पास भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन होगा, जिसका पहला मॉड्यूल साल 2028 तक लॉन्च किया जाएगा।

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प्रधानमंत्री मोदी ने नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्चर (NGL) को भी मंजूरी दे दी है, जिसके जरिए भारत साल 2040 तक चंद्रमा पर उतरेगा और इस लॉन्चर को चंद्रमा से सुरक्षित वापस भी लाया जाएगा, यानी साल 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम दुनियाभर के देशों के स्पेश मिशनों के बराबर होगा। भारत का मकसद अंतरिक्ष की दुनिया में भारतीय तिरंगे की छाप छोड़ना है।

कैप्टन शुभांशु शुक्ला के बारे में बताया

इसरो अध्यक्ष ने कहा कि 'गगनयात्री' को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजकर भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करता हूं, क्योंकि उन्होंने ही यह आइडिया दिया था कि भारत अपने स्पेस रॉकेट से 'गगनयात्री' को अंतरिक्ष में भेजे, लेकिन उससे पहले इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर भेजकर एक्सपेरिमेंट किया जाए। उनके इसी आइडिया पर काम किया, जिसमें सफलता भी मिली। कैप्टन शुभांशु शुक्ला ISS तक गए, वहां 18 दिन रहे और सुरक्षित वापस लौट आए। यह उपलब्धि भारत के 'गगनयान' मिशन का आधार बनेगी।

चंद्रयान-3 मिशन के लिए जताया आभार

इसरो अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के लिए देशवासियों को बधाई देना चाहता हूं। इसरो के उन इंजीनियर्स को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने आज से 2 साल पहले 23 अगस्त 2023 को इतिहास रचकर इसरो का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा। उस दिन भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 मिशन को लैंड कराया। ऐसा करने वाला भारत इकलौता देश है। प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशन में वह अचीवमेंट भारत ने हासिल की थी। उन्होंने ही चंद्रयान-3 के लैंडिंग प्लेस का नाम 'शिव शक्ति' पॉइंट रखा और हर साल 23 अगस्त का दिन राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने का भी ऐलान किया।


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