नया साल 2026 अब दस्तक दे रहा है. क्रिसमस के बाद अब न्यू ईयर पर कई लोग बाहर जाने से बचते हैं. बाहर जाने के बजाय लोग घरों पर ही पार्टी प्लान करते हैं. दोस्तों के साथ महफिल जमाना और नए साल का जश्न मनाना…अगर आप भी कुछ ऐसा ही प्लान कर रहे हैं तो एक बार ये खबर आपको पढ़ लेनी चाहिए. जश्न के बीच अक्सर एक सवाल जो अनदेखा रह जाता है कि घर में रखी शराब कहीं कानून की नजर में अपराध तो नहीं है? कहीं छोटी सी भी एक एक्स्ट्रा शराब की बोतल आपके लिए भारी तो नहीं पड़ेगी? कुछ ऐसे ही सवालों का जवाब आपको आज हम देंगे. जश्न मनाने से पहले शराब से जुड़े कुछ नियम भी जानना बेहद जरूरी है.
क्या कहता है कानून?
साल 2025 अब विदा लेगा और लोग नए साल 2026 का स्वागत करने के लिए बेहद उत्सुक और तैयार हैं. देशभर में लोग निजी पार्टियों की तैयारियां भी कर रहे हैं. घर पर पार्टी करना आज कल के भीड़-भाड़ वाले माहौल को देखते हुए एक अच्छा ऑप्शन बन गया है, लेकिन शराब से जुड़े नियमों की अनदेखी करना भी लोगों के लिए भारी पड़ सकता है और आपकी पार्टी में खलल डाल सकता है.
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भारत में शराब से संबंधित कानून केंद्र नहीं बल्कि राज्य की सरकारें खुद तय करती हैं. संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत उत्पाद शुल्क राज्य सूची का मामला है, यानी हर राज्य के नियम अलग-अलग होंते हैं. यही एक मुख्य कारण है कि किसी एक राज्य में घर पर शराब रखने जो मात्रा वैध है वहीं मात्रा किसी दूसरे राज्य में अवैध मानी जाती है और यही अपराध बन सकती है.
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अधिक शराब रखना है अपराध
अगर हम कानून की बात करें तो अधिक शराब रखने पर केवल जुर्माना ही नहीं, बल्कि कई राज्यों में जेल की सजा का भी प्रावधान बनाया गया है. पार्टी के दौरान पुलिस के छापे या फिर एक्साइज विभाग की कार्रवाई और लाइसेंस रद्द होने जैसी परेशानियां भी सामने आ सकती हैं. इसलिए ये जानना बेहद जरूरी है कि आप देश के जिस भी राज्य में रहते हैं वहां, कानून के मुताबिक घर पर कितनी शराब बिना किसी तरह के लाइसेंस के रखी जा सकती है.
इन राज्यों में शराब पूरी तरह से बैन
देश के कुछ हिस्सों में शराब पर पूरी तरह से बैन है. जिसमें बिहार, गुजरात, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर जैसे कई राज्य हैं जहां पर शराब पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है. वहीं, बिहार में साल 2016 से शराब पर पूरी तरह से रोक लगाई हुई है. यहां पर शराब रखना और पीना दोनों ही अपराध की श्रेणी में आता है. वहीं, गुजरात में 1960 से शराब पर प्रतिबंध लगा हुआ है. हालांकि पर्यटकों और एनआरआई के लिए सीमित अवधि का परमिट सिस्टम मौजूद है.
वहीं, नागालैंड की बात करें तो यहां भी 1989 से शराब पर प्रतिबंध लगा हुआ है. वहीं, मिजोरम में समय-समय पर नियम बदलते रहते हैं लेकिन इस समय यहां भी शराब पर पूरी तरह से बैन लगाया गया है. मणिपुर में कुछ क्षेत्रों में हाल के वर्षों में ढील की घोषणा हुई लेकिन फिर भी राज्य का बड़ा हिस्सा अभी भी शराब के प्रतिबंध के दायरे में है. लक्षद्वीप देश का एकमात्र केंद्र शासित प्रदेश है जहां शराब पर रोक लगाई गई है, हालांकि बंगाराम द्वीप पर पर्यटकों को सीमित अनुमति दी जाती है.
किस राज्य में क्या कहते हैं नियम?
दिल्ली में शर्तों के साथ मिलती है छूट
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शराब के सेवन को लेकर नियम ज्यादा सख्त नहीं हैं. यहां 25 साल से उससे अधिक उम्र का व्यक्ति अपने घर में कुल 18 लीटर तक शराब रख सकता है. जिसमें बीयर और वाइन शामिल हैं. हाई ड्रिंक जैसे रम, व्हिस्की, वोदका या जिन की सीमा 9 लीटर तय की गई है.
वहीं, पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट ये तय कर चुका है कि एक ही घर में रहने वाले सभी वयस्क अपनी-अपनी निर्धारित सीमा तक शराब रख सकते हैं. हालांकि दिल्ली से बाहर जाते समय केवल एक लीटर शराब ले जाने की अनुमति है.
पंजाब, राजस्थान और हिमाचल में क्या कहते हैं नियम?
मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब में दो बोतल आईएमएफएल, एक केन बीयर, दो बोतल विदेशी शराब, दो बोतल देसी शराब और एक बोतल ब्रांडी रखने की अनुमति मिलती है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में 48 बोतल बीयर और 36 बोतल व्हिस्की रखने की इजाजत दी गई है. वहीं, राजस्थान में व्यक्ति अपने घर पर 12 बोतल या लगभग 9 लीटर आईएमएफएल रख सकता है.
क्या है हरियाणा और यूपी में शराब रखने के नियम?
हरियाणा में देसी शराब की अधिकतम छह बोतलें और आईएमएफएल की कुल 18 बोतलें रखी जा सकती हैं, जिनमें आयातित शराब छह बोतलों से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. वहीं, बीयर की सीमा 12 बोतल, वाइन की 12 बोतलें और रम, वोदका और जिन की कुल सीमा छह बोतल हैं.
वहीं, उत्तर प्रदेश में शराब को लेकर बने नियम बेहद सख्त हैं. यहां बिना लाइसेंस 1.5 लीटर विदेशी शराब, छह लीटर बीयर और दो लीटर वाइन ही रखी जा सकती है. इससे अधिक मात्रा में शराब रखने के लिए एल-50 लाइसेंस जरूरी है, जिसके बाद 7.5 लीटर तक विदेशी शराब रखने की अनुमति भी मिलती है.
गोवा, केरल और जम्मू-कश्मीर में क्या हैं नियम?
गोवा में शराब सस्ती है और आसानी से मिल भी जाती है, लेकिन यहां भी सरकार ने शराब को लेकर सीमाएं तय कर रखी हैं. गोवा में रहने वाले लोग आईएमएफएल की 12 बोतलें, बीयर की 24 बोतल, देसी शराब की 18 बोतलें रख सकते हैं. वहीं, केरल में आईएमएफएल तीन लीटर, बीयर 6 लीटर रखने की अनुमति है. वहीं, जम्मू-कश्मीर में आईएमएफएल की 12 बोतलें और बीयर की 12 बोतलें रख सकते हैं.
क्या कहते हैं दक्षिण और पूर्वोत्तर के नियम?
मिली जानकारी के अनुसार, आंध्र प्रदेश में बिना परमिट के तीन बोतल आईएमएफएल या विदेशी शराब रख सकते हैं. वहीं, बीयर की 6 बोतल रख सकते हैं. अरूणाचल प्रदेश में 18 लीटर से अधिक आईएमएफएल या देसी शराब रखने के लिए वैध लाइसेंस जरूरी है. पश्चिम बंगाल में 21 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति आईएमएफएल की छह बोतलें और बीयर की 18 बोतल बिना लाइसेंस के रख सकते हैं.