NEET Toppers: इस बार एक चूक के कारण नीट टॉपर्स की बाढ़ सी आ गई। नीट में 67 विद्यार्थियों को रैंक एक मिली। लेकिन हैरानी की बात है कि इसमें 44 लोग ऐसे थे, जिनको गलत उत्तर के बाद भी टॉपर घोषित कर दिया गया। इन स्टूडेंट्स ने फिजिक्स से जुड़े एक प्रश्न का उत्तर गलत दिया था। जिनको ग्रेस मार्क्स दे दिए गए। इस गड़बड़ी के कारण ये लोग टॉपर बन गए। नीट के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है। जब इतने लोग टॉपर घोषित किए गए हों। इससे पहले कभी भी इस परीक्षा में इतने स्टूडेंट्स को 720 में से 720 नंबर नहीं मिले। अधिकतर लोगों ने फिजिक्स के एटॉम से जुड़े एक सवाल का गलत उत्तर दिया था। लेकिन इन लोगों को ग्रेस मार्क्स दे दिया गया।
इन लोगों ने जो उत्तर दिया, वह एनसीईआरटी की पुरानी साइंस बुक से लिया गया था। एनसीईआरटी के एक अधिकारी की ओर से इसको लेकर बताया गया है कि 44 लोगों के अंक 715 से बढ़कर 720 हो गए। एक ऐसा सवाल एग्जाम में आया था, जिसके एनसीईआरटी की बुक में बदलाव के अनुसार दो सही उत्तर थे। इसलिए दो विकल्प सही घोषित कर दिए गए। 2019 से पहले कभी भी 3 से अधिक नीट टॉपर्स नहीं रहे हैं। 2020 में एक अभ्यर्थी ने टॉप किया था। 2021 में 3, 2022 में 1 और 2023 में 2 टॉपर रहे। लेकिन इस बार फिजिक्स के एक मल्टीपल चॉइस वाले प्रश्न के कारण टॉपर्स की भरमार हो गई।
कैसे आ गई टॉपर्स की बाढ़?
एनटीए ने बताया कि अधिक रजिस्ट्रेशन, एक प्रश्न-दो सही उत्तर, आसान एग्जाम और ग्रेस मार्क्स के कारण इस बार इतने टॉपर घोषित हो गए। परीक्षा के परिणाम मंगलवार को जारी किए गए थे। जिसके बाद 67 लोगों की रैंकिंग एक दिखाई गई। लेकिन रिकॉर्ड संख्या आने के बाद टॉपरों में 718 और 719 अंक प्राप्त करने को लेकर सवाल उठे। सोशल मीडिया पर भी लोगों के बीच चर्चा देखने को मिली। परीक्षा में अनियमितता, कट ऑफ और एडमिशन को लेकर कई पोस्ट डाली गईं।
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कहा गया कि अगर 720 नंबर किसी को आते हैं, तो उसके बाद ऑप्शन सिर्फ 716 अंक आने का होता है। लेकिन कई लोगों को 718 और 719 अंक दिए गए। जिसके बाद एनटीए ने ग्रेस मार्क्स का हवाला दिया। जिन लोगों ने टाइम लॉस की सूचना दी, उनको भी ग्रेस मार्क्स दिए गए। एनटीए ने पेपर लीक की बात नकारी। कहा कि जो टॉपर हैं, वे पहले भी 10वीं, 12वीं में अच्छे नंबर ले चुके हैं। उनकी जांच करवाई गई है। बता दें कि इस साल नीट यूजी के पंजीकरण में 16.85 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। कुल 2406079 लोगों ने आवेदन किया था। पिछली बार ये संख्या 20.59 लाख थी। नीट के जरिए ही देश के तमाम मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमस, बीएचएमस और बीयूएमस में दाखिला मिलता है।