नई दिल्ली: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की तरफ से जारी रिपोर्ट बेहद हैरान करने वाली है। एनसीआरबी के अनुसार, भारत में बलात्कार के मामलों में दोषसिद्धि दर 2021 में 24.8% थी, जिसमें केवल 156 मामले दोषी पाए गए और लगभग 22,313 मामले विचाराधीन थे। 2020 में 28,046 मामलों की तुलना में 2021 में कुल 31,677 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए। राजस्थान (6337) के बाद मध्य प्रदेश (2947) ने आईपीसी की धारा 376 के तहत सबसे अधिक प्राथमिकी दर्ज की, जबकि दिल्ली (1250) ने केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक मामले दर्ज किए।
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2021 में महिलाओं के खिलाफ अपरराध में हुई बढ़ोत्तरी
साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले बढ़कर 4,28,278 हो गए, जो 2020 में 3,71,503 मामलों से 15.3% की वृद्धि दर्शाता है। 2020 में 56.5 की तुलना में 2021 में प्रति लाख महिला आबादी पर दर्ज अपराध दर 64.5 है।
यूपी में दर्ज हुए सबसे ज्यादा केस
उत्तर प्रदेश (56,083), राजस्थान (40,738) और महाराष्ट्र (39,526) ने राज्यों से सबसे अधिक मामले दर्ज किए, जबकि दिल्ली ने 2020 में 10,093 की तुलना में 14,277 घटनाएं दर्ज कीं, जब कोरोना महामारी के कारण प्रतिबंध लागू थे। इतना ही नहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि आईपीसी के तहत अधिकांश मामले 'पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता' (31.8%) के बाद छेड़छाड़ (20.8%), अपहरण (17.6%) और बलात्कार (7.4%) के लिए दर्ज किए गए थे।
दिल्ली महिलाओं के लिए असुरक्षित शहर
देश की राजधानी दिल्ली में एक साल में आपराधिक मामलों में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ 13,892 एफआईआर दर्ज हुए। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर है और यहां प्रतिदिन दो नाबालिग लड़कियों के साथ रेप हुआ। वहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी चिंता जताई है।
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स्वाति मालीवाल ने व्यक्त की चिंता
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी एनसीआरबी के रिपोर्ट पर ट्वीट कर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'NCRB के आंकड़ों के अनुसार 2021 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध 41% बढ़ गए। बच्चों के खिलाफ अपराध 32% बढ़ गए। ये गहरी चिंता का विषय है। आज देश की हर पार्टी हर सरकार को महिला सुरक्षा को चुनावी घोषणापत्र से निकालकर ज़मीन पर हकीकत बनाने के लिए साथ मिलकर कठोर कदम उठाने चाहिए!'
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