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राज्यसभा में नारी शक्ति वंदन बिल पेश; कांग्रेस की रंजीत रंजन ने बिल के नाम पर जताई आपत्ति, जानें क्या बोलीं?

Nari Shakti Vandan Act 2023 In Rajya Sabha: लोकसभा में भारी बहुमत से पास होने के बाद गुरुवार को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ आज राज्यसभा में पटल पर रखा गया। इस बिल को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने सदन के पटल पर रखा। सबसे पहले कांग्रेस की रंजीत रंजन ने बोलना शुरू किया। उन्होंने कहा […]

Nari Shakti Vandan Act 2023 In Rajya Sabha: लोकसभा में भारी बहुमत से पास होने के बाद गुरुवार को 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' आज राज्यसभा में पटल पर रखा गया। इस बिल को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने सदन के पटल पर रखा। सबसे पहले कांग्रेस की रंजीत रंजन ने बोलना शुरू किया। उन्होंने कहा कि मुझे बिल के नाम को लेकर आपत्ति है। बिल में वंदन शब्द को लेकर आपत्ति जताई। इतिहास गवाह है कि जब जब आपको सत्ता की जरूरत होती है, आप नारी की वंदना करने लगते हैं, लेकिन जीत के बाद पुरुष के जीत की वंदना होती है।

कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने पूछे ये सवाल?

उन्होंने कहा कि जब इस नई संसद का भवन का उद्घाटन हुआ, आपने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया। 13 साल से हम अपने सम्मान, अधिकार से वंचित हैं। मुझे इस बिल में कोई साजिश नजर आती है। 13 साल पहले राज्यसभा में इसे पारित किया था। आज आप इसे लेकर आए हैं। साढ़े 9 साल के बाद। 2014 में आप सत्ता में आए, आपके मैनिफेस्टो में ये था लेकिन साढ़े नौ साल कैसे लग गए? दूसरा सवाल ये है कि महिला आरक्षण के लिए आपको स्पेशल सत्र की जरूरत क्यों पड़ गई? तीसरा सवाल- जातीय जनगणना और परिसीमन का पेंच क्यों लगाया है? इससे पहले आप नोटबंदी ले आए, काला किसान कानून लाए, लेकिन किसी से नहीं पूछा? आपकी बाधा, चुनावी एजेंडा है, आपका काम सिर्फ झुनझुना दिखाना है। रंजीत रंजन ने कहा कि आप महिला बिल का महिमामंडन कर रह हैं। लेकिन मैं उदाहरण देना चाहती हूं कि यूपीए-2 में ये बिल पास हुआ था। हमारा उद्देश्य लाइमलाइट में आना नहीं था। राजीव गांधी ने कहा था कि महिलाओं के मामलों में हिंदुस्तानी पुरुष दोहरा चरित्र वाला है। रंजीत रंजन ने कहा कि जो भी पेंच हैं, उसे दूर कर महिलाओं को उनका हक क्यों नहीं देना चाहते? आप पुरुषों के हिस्से में से महिलाओं को हिस्सा क्यों नहीं देना चाहते? आपने नारी शक्ति का वंदन विधेयक नाम दिया है, इसे समानता कहे। मैं चाहती हूं कि इस बिल को पास किया जाए। साथ ही एससी और एसटी महिलाओं को आरक्षण का लाभ मिले।

जेपी नड्डा बोले- हमारी संस्कृति में महिलाओं का हमेशा उच्च स्थान रहा है

जेपी नड्डा ने कहा कि इस बिल से नारी को ताकत मिलेगी। रंजीता रंजन के सवाल को लेकर नड्डा ने कहा कि शब्दों को लेकर अलग-अलग मतभेद हो सकता है। उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि हमारे मन में धारणा बनी है कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कुछ कर रहे हैं तो कुछ एहसान कर रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। हमारी संस्कृति में महिलाओं का उच्च स्थान रहा है। हमने नारी को शक्ति को रूप में देखा। नड्डा ने कहा कि हमें दुनिया समझाए कि लेडिज फर्स्ट? ये मजाक नहीं तो क्या है। हमारे यहां गौरी शंकर, सीता राम, राधे श्याम का चलन है। उन्होंने कहा कि यजुर्वेद काल में महिलाओं का बराबर मान दिया गया। चौथी शताब्दी में भी प्रभावती गुप्त बताती हैं कि महिलाओं का कितना गौरवशाली इतिहास रहा है। अहिल्याबाई होल्कर ने जिस तरह से मंदिरों का नवनिर्माण किया, वो बताता है कि हमारे समाज में महिलाओं की कितनी सामाजिक और आध्यात्मिक भागीदारी रही है। नड्डा ने कहा कि 21वीं शताब्दी में भी खेल हो या विज्ञान हो या फिर रक्षा का क्षेत्र हो या फिर सॉफ्टवेयर का क्षेत्र हो, सभी जगह नारी और महिलाओं का अहम योगदान हो। मार्स मिशन हो, चंद्रयान हो, आदित्य एल वन हो, इसमें महिलाओं का योगदान रहा है। आजाद भारत में 12 महिलाएं मुख्यमंत्री बन चुकी हैं। कई ऐसे देश हैं, जिन्होंने वोटिंग राइट्स पाने के लिए लंबा संघर्ष किया। किसी ने आधी तो किसी ने पूरी शताब्दी तक संघर्ष किया। नड्डा ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि पहले इलेक्शन में ही महिलाओं को वोटिंग का अधिकार मिला। उन्होंने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि कई देशों से पहले हमारे देश को देश की पहली प्रधानमंत्री मिल गईं। जब हम नारी शक्ति वंदन अधिनियम लाकर सशक्तिकरण कर रहे हैं तो ये उनका सम्मान है, हम कोई एहसान नहीं कर रहे हैं।

नड्डा बोले- इसलिए अभी लागू नहीं किया जा रहा है बिल

नड्डा ने कहा कि कुछ इस तरह की चर्चा हुई कि इस बिल को अभी लागू किया जाए। इसके पीछे की वजह है कि कुछ संवैधानिक व्यवस्थाएं होती है। किस सीट पर रिजर्वेशन मिले, इसका फैसला सरकार नहीं कर सकती है। मैं वायनाड, अमेठी और रायबरेली, कालबुर्गी को कर दूं तो? मैं कहना चाहूंगा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि सीटें बढ़ा दीजिए, तो प्रतिशत भी बढ़ जाएगा। ये नियम कानून से, हम ये मानते हैं कि आज अगर बिल पास होगा तो 2029 में महिलाएं आरक्षित सांसद बनकर आएंगी। लेकिन आज बिल पास नहीं करते हैं तो 2029 में ये नहीं होगा। नड्डा ने कहा कि ये एक तरीका है कि जिस रास्ते से हमें आगे जाना है। इस बीच खड़गे ने रोका तो सभापति धनखड़ ने बोलने की इजाजत दी। खड़गे ने कहा कि भाजपा चाहती है कि बिल ऐसा ही चले। कबीर के दोहा सुनाते हुए खड़गे ने कहा कि आज करना है, वो अभी कीजिए। कुछ इलीगल नहीं होता। नड्डा ने कहा कि हमारा उद्देश्य कोई पॉलिटिकल एडवांटेज लेना नहीं है, हमारा उद्देश्य महिलाओं का सशक्तिकरण करना है। हमें पॉलिटिकल एडवांटेड लेना होता तो, हम आज ही इसे लागू कर देते। नड्डा ने कहा कि सरकारें नियम कानून से चलती हैं। हमारी सरकार जो काम करती है, वो पक्का काम करती है। इसलिए पक्के तरीके से महिलाओं का सशक्तिकरण किया जा रहा है। भाजपा के अध्यक्ष के रूप में मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि भाजपा हमेशा महिलाओं को स्थान देती है। हम पहली और अकेली पार्टी हैं, जो 33 फीसदी आरक्षण हर समीति में देते हैं। मोदी सरकार में पहली विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण रहीं हैं।

पीएम मोदी बोले- बिल से मातृशक्ति का मिजाज बदलेगा

इससे पहले संसद के पांच दिनों के स्पेशल सेशन के चौथे दिन पीएम मोदी ने लोकसभा में अपना संबोधन दिया। पीएम मोदी ने गुरुवार को कहा कि लोकसभा के बाद जब 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' राज्यसभा में भी पास हो जाएगा तो देश की मातृशक्ति का मिजाज बदेलगा, वो देश को ऊंचाई पर ले जाने वाली शक्ति के रूप में उभरेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस पवित्र कार्य करने के लिए आपने (लोकसभा के सांसद) जो योगदान दिया है, समर्थन दिया है। सदन के नेता के रूप में आप सबका पूरे दिल से अभिनंदन करने के लिए खड़ा हुआ हूं। आप सभी का धन्यवाद।


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