Nanded Govt hospital: महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां के एक सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 24 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में 13 नवजात बच्चे भी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक ये घटना नांदेड़ के शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल की है। यहां के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मौतें दवाओं की कमी के कारण हुई हैं।
दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किए गए मरीज
नांदेड़ के शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल के अधीक्षक एसआर वाकोड़े ने बताया है कि मरने वालों में सभी मरीज हैं। उन्होंने कहा है कि मरने वालों में ज्यादा वे मरीज हैं जो गंभीर हालत में लाए गए थे। हालांकि बाकी मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि नामित कंपनी से दवाएं खरीदी जानी थी, लेकिन किन्हीं कारणों से दवाइयों की खरीदारी नहीं हो सकी है।
#WATCH महाराष्ट्र: कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने नांदेड़ में डॉ. शंकरराव चव्हाण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का दौरा किया, जहां विभिन्न बीमारियों (सांप के काटने, आर्सेनिक और फास्फोरस विषाक्तता आदि) के कारण लगभग 24 लोगों की मौत हो गई थी। pic.twitter.com/0SdLW3kkSO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 2, 2023
एनसीपी ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
इस खबर के सामने आने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रवक्ता विकास लवांडे ने एक्स पर कहा कि नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 12 नवजात शिशुओं समेत 24 मौतें राज्य सरकार की ओर से आपूर्ति की कमी के कारण हुई हैं। त्योहारों और आयोजनों का विज्ञापन करने वाली सरकार को शर्म आनी चाहिए।
नांदेडमध्ये सरकारी रुग्णालयात 24 तासात 12 नवजात बाळांसह 24 मृत्यू केवळ राज्य सरकारकडून औषध पुरवठा झाला नाही.
सण उत्सव आणि इव्हेंट बाजी जाहिरात बाजी करणाऱ्या सरकारचा धिक्कार असो.@mieknathshinde @AjitPawarSpeaks @Dev_Fadnavis @narendramodi @NCPspeaks— Vikas Lawande (@VikasLawande1) October 2, 2023
शिवसेना (यूबीटी) ने की सरकार की आलोचना
उधर, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि कृपया उन्हें मौत न कहें, यह असंवैधानिक राज्य सरकार की ओर से पूर्ण लापरवाही के कारण हत्याएं हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर प्रभावशाली कार्यक्रमों या विदेशी यात्राओं की योजना बनाने में व्यस्त होने का आरोप लगाया। कहा कि वे भूल गए हैं कि उनका मूल काम राज्य की सेवा करना है।