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मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर लगाई रोक

Modi Surname Remark: मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की दो साल की सजा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती […]

राहुल गांधी। -फाइल फोटो

Modi Surname Remark: मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की दो साल की सजा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राहुल गांधी संसद सदस्यता बहाल हो जाएगी। वे अब संसद की कार्यवाही में भी भाग ले सकेंगे।

कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस ने लिखा कि ये नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है। सत्यमेव जयते – जय हिंद। वहीं, राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा- आ रहा हूं… सवाल जारी रहेंगे।

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सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना याचिका में राहुल गांधी के हलफनामे को स्वीकार करते हुए कहा कि उन्हें (राहुल गांधी) अधिक सावधान रहना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश की ओर से अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।

‘मोदी’ सरनेम टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कोर्ट जानना चाहता है कि अधिकतम सज़ा क्यों दी गई? अगर 1 साल 11 महीने की सजा दी होती तो वे (राहुल गांधी) अयोग्य (लोकसभा सदस्यता) नहीं ठहराए जाते।

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इससे न केवल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ।

बता दें कि गुजरात उच्च न्यायालय की ओर से इसी साल 23 मार्च को मोदी सरनेम केस में दोषी ठहराए जाने के सूरत अदालत के आदेश के खिलाफ राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद राहुल गांधी की ओर से गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।

राहुल गांधी की याचिका खारिज करते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने क्या कहा?

राहुल गांधी की याचिका को खारिज करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने 7 जुलाई को कहा था कि राजनीति में शुद्धता समय की आवश्यकता है। उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि दोषसिद्धि को रोकने के लिए कोई उचित आधार नहीं था, यह कहते हुए कि ट्रायल कोर्ट का आदेश उचित और कानूनी था और इसमें हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी ने दाखिल की थी याचिका

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी और सजा पर रोक लगाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 15 जुलाई को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अपील पर याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार से जवाब मांगा था।

जानें मोदी सरनेम केस की पूरी टाइमलाइन

11 अप्रैल 2019: बेंगलुरु में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार करते हुए राहुल गांधी बोले- सभी चोरों का सरनेम ‘मोदी’ क्यों?

13 अप्रैल 2019: भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत।

6 मई 2019: सूरत कोर्ट पहुंचा मामला।

23 मार्च 2023: सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई।

7 जुलाई 2023: गुजरात हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा।

15 जुलाई 2023: गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

18 जुलाई 2023: राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई को तैयार हुआ सुप्रीम कोर्ट।

21 जुलाई 2023: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया है।

4 अगस्त 2023: मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत देते हुए उनकी सजा पर रोक लगा दी।

क्या है मोदी सरनेम केस?

2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के लिए कैंपेनिंग करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी… इन सभी का सरनेम मोदी कैसे है? सभी चोरों का सरनेम मोदी कैसे है? इस मामले में गुजरात के सूरत में भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

इसी साल 23 मार्च को गुजरात की सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को इसी मामले में उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराया और दो साल की सजा सुनाई। सूरत कोर्ट के फैसले के एक दिन बाद कांग्रेस नेता को लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

 


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