मोदी सरनेम केस: प्रियंका ने कोर्ट के फैसले को ‘अहंकारी सत्ता का हथकंडा’ बताया, रविशंकर बोले- माफी मांगते तो नौबत नहीं आती
नई दिल्ली: मोदी सरनेम मामला में राहुल गांधी को गुजरात हाई कोर्ट झटका लगा है। सूरत सेशंस कोर्ट से राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा को गुजरात हाई कोर्ट ने बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस केस के अलावा राहुल के खिलाफ कम से कम 10 केस पेंडिंग हैं। ऐसे में सूरत कोर्ट के फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है। फैसला आने के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो गया है।
माफी मांगते तो नौबत नहीं आती-रविशंकर प्रसाद
बीजेपी ने राहुल गांधी पर हमला बोला है। बीजेपी एमपी और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी को आदतन अपराधी बताया। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ 7, 9 मानहानी के केस चल रहे हैं। हम कांग्रेस से पूछना चाहते हैं आप राहुल गांधी को नियंत्रित क्यों नहीं कर सकते? रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि आप उन्हें ठीक से बोलने के लिए प्रशिक्षित क्यों नहीं कर सकते? वह आपके नेता हैं। ओबीसी मामले में माफी मांग लिए होते तो मामला खत्म हो जाता। प्रसिद्ध नेताओं और संगठनों के खिलाफ गाली देना, बदनाम करना और लगभग सबसे खराब तरह की गालियां देना राहुल गांधी की पुरानी आदत बन गई है।
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बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर आपको लगता है कि लोगों को अपमानित करना आपका अधिकार है तो कानून का भी अधिकार है कि आपको पकड़े। कोई कैसे कह सकता है कि सारे मोदी चोर हैं। कुछ भी बोल देंगे आप? आपकी जुबान पर कंट्रोल नहीं है। यह एक गैर जिम्मेदार अहंकार है। राहुल गांधी के अंदर एक खानदान में पैदा होने का अधिकार है।"
अहंकारी सत्ता सच को दबाने के लिए हर हथकंडे आजमा रही-प्रियंका गांधी
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल गांधी इस अहंकारी सत्ता के सामने सत्य और जनता के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं। अहंकारी सत्ता चाहती है कि जनता के हितों के सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि देश के लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाने वाले सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि उनसे महंगाई पर सवाल न पूछे जाएं, युवाओं के रोजगार पर कोई बात न हो, किसानों की भलाई की आवाज न उठे, महिलाओं के हक की बात न हो, श्रमिकों के सम्मान के सवाल को न उठाया जाए।
प्रियंका गांधी ने कहा- अहंकारी सत्ता सच को दबाने के लिए हर हथकंडे आजमा रही है, जनता के हितों से जुड़े सवालों से भटकाने के लिए साम, दाम, दंड, भेद, छल, कपट: सब अपना रही है। लेकिन, सत्य, सत्याग्रह, जनता की ताकत के सामने न तो सत्ता का अहंकार ज्यादा दिन टिकेगा और न ही सच्चाई पर झूठ का परदा। राहुल गांधी जी ने इस अहंकारी सत्ता के सामने जनता के हितों से जुड़े सवालों की ज्योति जलाकर रखी है। इसके लिए वे हर कीमत चुकाने को तैयार हैं और तमाम हमलों व अहंकारी भाजपा सरकार के हथकंडों के बावजूद एक सच्चे देशप्रेमी की तरह जनता से जुड़े सवालों को उठाने से पीछे नहीं हटे हैं। जनता का दर्द बांटने के कर्तव्य पथ पर डटे हुए हैं।
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डीके शिवकुमार बोले- ये लोकतंत्र की हत्या है
कर्नाटक के डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार कहते हैं, "बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि न्याय नहीं हुआ। यह लोकतंत्र की हत्या है। फिर भी, पूरा देश और विपक्षी दल राहुल गांधी के साथ खड़े हैं। वह एक महान नेता हैं जो आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं।" देश को एकजुट करना है...भाजपा नेता इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। वे उन्हें संसद से रोकना चाहते हैं...मुझे लगता है कि वह (राहुल गांधी) मजबूत होंगे...।''
राहुल गांधी को सुनाई गई थी 2 साल की सजा
बता दें कि सूरत की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च 2023 को राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। अगले दिन उनकी सांसदी चली गई थी। राहुल ने सूरत कोर्ट में फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए समीक्षा याचिका दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया। राहुल गांधी ने 25 अप्रैल को गुजरात हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन लगाई थी। 2 मई को हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला आज यानी 7 जुलाई तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।
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