---विज्ञापन---

देश

पता है! लगातार आगे बढ़ रही है मकर संक्रांति की डेट; 2101 से 16 जनवरी को होगी सेलिब्रेट

Makar Sankranti 2025 Date Facts: आज देश में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है। मगर आज हम आपको इस पर्व से जुड़ा एक मजेदार फैक्ट बताते हैं। मकर संक्रांति की तारीख लगातार आगे बढ़ रही है। आइए जानते हैं क्यों?

Author Edited By : Sakshi Pandey Updated: Jan 14, 2025 12:27
makarsankranti 2025
Pic Credit: Meta AI

Makar Sankranti 2025 Facts: आज पूरे देश में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है। कई लोग इसे उत्तरायण भी कहते हैं, जिसका अर्थ है कि सूर्य उत्तर दिशा की तरफ प्रस्थान करना शुरू कर देता है। आमतौर पर मकर संक्रांति का त्योहार 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि मकर संक्रांति की तारीख लगातार आगे बढ़ रही है। आखिर इसकी क्या वजह है? आइए समझते हैं…

मकर संक्रांति की बदलती तारीखें

आपको जानकर हैरानी होगी कि 1832 में मकर संक्रांति का पर्व 13 जनवरी को मनाया गया था। 1902 में पहली बार मकर संक्रांति 14 जनवरी को पड़ी थी। 1902 से पहले यह पर्व 12 और 13 जनवरी को सलिब्रेट किया जाता था। वहीं 1972 में पहली बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई गई थी। अब आने वाले कुछ सालों में मकर संक्रांति 15 और 16 जनवरी को मनाई जाएगी।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें- Mahakumbh 2025: त्रिवेणी संगम तक पहुंचने के 6 रास्ते, जानें से पहले यहां समझें पूरा रूट

क्यों खिसक रही है तारीख?

अब सवाल यह है कि मकर संक्रांति की तारीख लगातार आगे क्यों बढ़ रही है। दरअसल ज्योतिष गणित के मुताबिक एक साल 365 दिन 6 घंटे का होता है। 365 दिन और 6 घंटे में सूर्य सभी राशियों के चक्कर लगातार है, जिसे 1 सौर वर्ष कहा जाता है। आमतौर पर 1 साल में लोग 365 दिन को ही गिनते हैं और 6 घंटों को स्किप कर देते हैं। यही 6 घंटे 4 साल में 24 घंटे बनकर 1 लीप ईयर बनाते हैं, जब फरवरी 29 दिनों की होती है। वहीं लगभग 100 साल में मकर संक्रांति की तारीख भी आगे बढ़ जाती है।

---विज्ञापन---

उत्तरायण है सबसे बड़ा उदाहरण

मकर संक्रांति की तारीख आगे बढ़ने का सबसे बड़ा उदाहरण ‘उत्तरायण’ शब्द है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 21 दिसंबर (Winter Solstice) से ही सूर्य उत्तर दिशा में प्रस्थान करना शुरू कर देता है। मगर हिंदी कैलेंडर में उत्तरायण 14 या 15 जनवरी यानी मकरसंक्रांति को कहा जाता है। वास्तव में कई हजार साल पहले मकर संक्रांति भी 21-22 दिसंबर को मनाई जाती थी। मगर तारीख आगे बढ़ने के कारण मकर संक्रांति जनवरी में पड़ने लगी।

यह भी पढ़ें- Steve Jobs की पत्नी क्यों नहीं छू सकीं शिवलिंग? काशी विश्वनाथ से सामने आई ये बड़ी वजह

First published on: Jan 14, 2025 11:39 AM

संबंधित खबरें