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’48 सीटों पर हमारी जीत तय’, News24 के साथ Exclusive Interview में महाराष्ट्र के सीएम शिंदे ने किया दावा

Maharashtra CM Eknath Shinde Exclusive Interview: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने News24 से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों को लेकर अपनी राय रखी। अपने और देवेंद्र फडणवीस के बीच अंडरस्टैंडिंग को लेकर जानकारी दी। विपक्ष दलों के मिलकर चुनाव लड़ने पर शिंदे की प्रतिक्रिया बेबाक रही।

एकनाथ शिंदे का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू।
Eknath Shinde Exclusive Interview: महाराष्ट्र में इस वक्त महायुति की सरकार है। भाजपा, शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित गुट तीनों पार्टियां एकसाथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि माहौल उनके पक्ष में है। शिंदे ने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बड़ा राज खोला है। शिंदे ने News24 की एडिटर इन चीफ अनुराधा प्रसाद के साथ खास बातचीत में कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने दावा किया कि एनडीए फिर सरकार बनाएगा। विपक्ष के लोग भ्रम फैला रहे हैं। सवाल-महायुति के बारे में कहा जा रहा है कि थोड़ा मामला टाइट है? जवाब:कौन कह रहा है?ये सिर्फ विपक्ष की ओर से भ्रम फैलाया जा रहा है। मैं पूरे राज्य में घूम चुका हूं। लोग उनकी सरकार के 2 साल के कार्यकाल को पसंद कर रहे हैं। उन्होंने किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए जो योजनाएं बनाई हैं, उनको लोग पसंद कर रहे हैं। हर सेक्टर में काम चल रहा है। नासिक, पूना और नागपुर में कई प्रोजेक्ट जारी हैं। उन्होंने महाविकास अघाड़ी की सरकार की योजनाएं बंद की हैं। ये जनविरोधी थीं। https://www.youtube.com/watch?v=47xYptS5_K8 यह भी पढ़ें:भोजपुरी एक्टर पवन को टक्कर दे रहे उपेंद्र कुशवाहा बोले- ‘मेरे खिलाफ लालू यादव ने रचे षड्यंत्र…’ सवाल-आपको क्या लगता है कि महायुति कितनी सीटें जीतेगी? जवाब: प्रदेश की 48 सीटों पर विजन क्लीयर है। हमारे लोग हर जगह गए हैं। लोगों ने मोदी का 10 साल का कामकाज देखा है। जो काम कांग्रेस 50 साल में नहीं कर सकी। मोदी ने दो कार्यकाल में कर दिखाए हैं। सवाल-विपक्ष कह रहा है कि महाराष्ट्र का पैसा गुजरात जा रहा है। आप क्या कहेंगे? जवाब:ये सब फिजूल की बातें हैं। वेदांता कंपनी जब गई, तब उनकी सरकार बने 2 महीने ही हुए थे। उन्होंने खुद पीएम से बात की थी। पीएम ने कहा था कि कोई कंपनी 2 महीने में ऐसे ही नहीं चली जाती। इसके लिए लंबे समय से तैयारी की गई है। पूर्ववर्ती सरकार ने कंपनी को सपोर्ट नहीं किया। उद्धव सरकार के कारण कंपनी प्रदेश से बाहर गई। हमारी सरकार ने 5 लाख करोड़ का निवेश औद्योगिक सेक्टर में जुटाया है। हमारी सरकार सिंगल विंडो सिस्टम और सब्सिडी के जरिए उद्योगों को लाभान्वित कर रही है। सवाल-उद्धव आरोप लगा रहे हैं कि आपकी सरकार में कैपिटल इनवेस्टमेंट गुजरात जा रहा है। मुंबई खोखली हो रही है। क्या कहेंगे? जवाब: जब वे (उद्धव ठाकरे) सीएम थे, तब उद्योगपतियों को तंग करते थे। अंबानी के घर के नीचे बम मिला था। ऐसे कोई कैसे औद्योगिक पावर बढ़ा सकता है? उद्धव इंडस्ट्रियलिस्टों को सुरक्षा नहीं दे पाए थे। अब हालात बदल चुके हैं। उद्योगपति उनसे जमीनें मांग रहे हैं। निवेश के लिए महाराष्ट्र आ रहे हैं। गढ़चिरौली में उन्होंने इंडस्ट्री खुलवाई। वहां 10 हजार लोगों को रोजगार मिला। अब वहां 15 हजार लोग काम कर रहे हैं। टाटा, मित्तल, जिंदल जैसी कंपनियां वहां आ रही है। नक्सली एरिया में कंपनियां आने का कारण हमारी सरकार का भरोसा है। यह भी पढ़ें:कन्हैया कुमार को थप्पड़ मारने वाले कौन? कांग्रेस उम्मीदवार बोले-आरोपियों का BJP से लिंक सवाल-आपकी ट्रिपल इंजन की सरकार चल रही है, क्या बैलेंस गड़बड़ा जाता है? अजित पवार के कारण आप शिवसेना से निकले। लेकिन बाद में फिर उनको आपको लेना पड़ा। क्या कहेंगे? जवाब: तब मैं सीएम नहीं था, अब हूं। पार्टी, राज्य को कैसे चलाना है? जनता को कैसे संभालना है? ये सब सीएम का काम होता है। अगर सीएम ही ईगो लेगा, तो प्रदेश कैसे आगे जाएगा? हमारा इंट्रेस्ट जनता को क्या मिला? ये होना चाहिए। हमें क्या मिला, ये नहीं होना चाहिए? ये भावना रखकर ही काम किया जा सकता है। सवाल-उद्धव सरकार में भी आप पावरफुल मिनिस्टर थे, सारा संगठन संभालते थे। क्या कहेंगे? जवाब: ये सिर्फ आपको लगता है। हकीकत इससे अलग थी। वरना वे इतना बड़ा फैसला क्यों लेते? इसके पीछे बड़ा कारण था। सवाल-क्या कारण था? क्या आपको सीएम नहीं बनाया गया था, यही कारण था? जवाब: बिल्कुल नहीं, मुझे कभी सीएम पद का लालच नहीं था। शिवसेना-बीजेपी मिलकर लड़े, जीते, तो सरकार किसके साथ बननी चाहिए थी? लेकिन बनी किसके साथ? क्योंकि उनको (उद्धव ठाकरे) पता था कि बीजेपी के साथ जाएंगे, तो सीएम नहीं बन पाएंगे। इसलिए कांग्रेस के साथ सरकार बनाई। शरद पवार को दो आदमी भेज अपना नाम पारित करवाया। बाला साहेब के विचारों को सिर्फ सीएम बनने के लिए त्याग दिया। बाला साहेब कहते थे कि कभी कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे। लेकिन उद्धव ने वह कर दिखाया। उनके सीएम रहते शिवसैनिक जेल जा रहे थे। पार्टी के विधायक परेशान थे कि आगे क्या मुंह लेकर चुनाव लड़ने जाएंगे?


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