Lufthansa Crew Accused Of Discriminating Against Indians : लुफ्थांसा एयरलाइंस के फ्लाइट अटेंडेंट्स पर भारतीय नागरिकों के साथ खुलेआम भेदभाव करने का आरोप लगा है। अंग्रेजी न बोल पाने वाले लोग इस भेदभाव का खासतौर पर शिकार हुए हैं। इसे लेकर सोशल मीडिया पर लुफ्थांसा की खासी आलोचना हो रही है। पेटीएम के सीईओ विजय शेखर का रिएक्शन भी सामने आया है।
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सोशल नेटवर्क प्लेटफॉर्म रेडिट पर एक यूजर ने लिखा है कि उसकी हालिया अमेरिका से भारत की फ्लाइट में लुफ्थांसा के क्रू मेंबर्स का रवैया बेहद रूखा और असम्मानजनक था। यूजर का दावा है कि वह न्यूयॉर्क में रहता है और अक्सर अपने परिवार से मिलने भारत जाता रहता है। उसका कहना है कि जब एयरलाइन के ग्राउंड स्टाफ सदस्यों से संपर्क किया तो उन्होंने भी आक्रामक व्यवहार दिखाया।
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अंग्रेजी न बोलने वालों से अभद्रता
यूजर ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि मैंने एक एयरलाइन रिप्रेजेंटेटिव से पूछा था कि फ्रैंकफर्ट में मैं अपनी पानी की बोतल कहां भर सकता हूं। इस पर उन्होंने उत्तर दिया कि क्या मैं तुमको इन्फॉरमेशन डेस्क लगता हूं, मुझसे मत पूछो। यूजर ने यह भी लिखा है कि फ्लाइट के दौरान दो क्रू मेंबर खास कर उन यात्रियों का मजाक उड़ा रहे थे जो बुजुर्ग थे और जिन्हें अच्छी तरह से अंग्रेजी बोलनी नहीं आती।
यात्रियों के खाने में भी की गड़बड़
इस दौरान लुफ्थांसा ने यात्रियों के भोजन को लेकर भी गड़बड़ी की। एक महिला ने शाकाहारी खाने का ऑर्डर दिया था लेकिन उसकी जगह उसे चिकन दे दिया गया। जब महिला ने इसकी शिकायत की तो जवाब मिला कि फूड बॉक्स खुलने के बाद उसे रिप्लेस नहीं किया जा सकता। एक क्रू मेंबर ने तो कथित तौर पर यह तक कह दिया कि आप रेस्तरां में जाकर खाना खाने के बाद उसे वापस करने के लिए तो नहीं कहते हैं।
पेटीएम के सीईओ ने क्या कहा?
इस पूरे मामले पर पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा का रिएक्शन भी सामने आया है। उन्होंने एक्स पर इसी मामले से जुड़ी एक पोस्ट पर लिखा कि इस बात का इंतजार कर रहा हूं कि एयर इंडिया और इंडिगो सभी जगहों के लिए फ्लाइट्स की शुरुआत करें। हम में से कई फिर यूरोपियन एयरलाइंस से सफर नहीं करेंगे।
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(fisheries)