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यहां वोट मांगना या मतदान करना..मतलब ‘मौत के कुएं’ में कार चलाना!

Lok Sabha Sensitive Seats: लोकतंत्र के महासमर का शंखनाद हो चुका है। सात चरणों में कुल 543 सीटों पर चुनाव होंगे। इन सीटों में से कुछ सीटें ऐसी हैं, जो संवेदनशील हैं। यहां वोट डालना किसी खतरे से खाली नहीं हैं। आइए, इनके बारे में विस्तार से जानते हैं...

Lok Sabha Election 2024: वे लोकसभा सीटें, जहां वोट मांगना या वोट डालना.. मतलब 'मौत के कुएं' में कार चलाना
Lok Sabha Election 2024 Sensitive Seats: लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज गया है। पहले चरण का नामांकन जारी है, 19 अप्रैल को वोटिंग होगी। मतदाता अपने पसंदीदा प्रत्याशी को जिताने के लिए वोट डालेंगे। हालांकि, देश में कुछ सीटें ऐसी हैं, जिन्हें संवेदनशील घोषित किया गया है। ये सीटें छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में हैं। चुनाव को देखते हुए यह सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं...

1- बस्तर सीट

बस्तर लोकसभा सीट छत्तीसगढ़ में आती है। यह सीट नक्सल प्रभावित क्षेत्र में है। यहां आए दिन नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ होती रहती है। नक्सलियों के 25 मई 2013 को सुकमा के झीरम घाटे में हुए हमले को कोई कैसे भूल सकता है, जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेताओं समेत 32 लोगों की मौत हुई थी। इसमें तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल भी शामिल थे। नक्सलियों ने कांग्रेसी नेता महेंद्र कर्मा को गोलियों से छलनी करने के बाद उनके शरीर को कई बार चाकू से गोदा था। यह भी पढ़ें: जब इंद‍िरा गांधी को हराने के ल‍िए रायबरेली में उतरीं राजमाता…पूर्व PM को भी लगा था झटका 

बस्तर में 19 अप्रैल को होगी वोटिंग

छत्तीसगढ़ में कुल 11 लोकसभा सीटें हैं, जहां तीन चरणों में वोट डाले जाएंगे। पहले चरण में 19 अप्रैल को बस्तर सीट पर वोटिंग होगी। यह फैसला नक्सलियों के हमलों की आशंका के चलते लिया गया है, क्योंकि पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान कई इलाकों से नक्सलियों के हमले की सूचना मिली थी।

2- बशीरहाट लोकसभा सीट

बशीरहाट लोकसभा सीट पश्चिम बंगाल में आती है। संदेशखाली में महिलाओं का उत्पीड़न और उनकी जमीन पर अवैध कब्जा करने के मामले के बाद से यह सीट काफी चर्चा में है। बशीरहाट उत्तरी 24 परगना जिले के अंतर्गत आती है, जो बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ है। घुसपैठ, तस्करी और  सांप्रदायिक दंगों को देखते हुए यह सीट काफी संवेदनशील मानी जाती है। यही वजह है कि यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

3- आउटर मणिपुर सीट

हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में चुनाव कराना और वोट डालना बड़ी चुनौती हैं। तीन मई 2023 से यह राज्य हिंसा की चपेट में है। यहां चुनावी सभाओं में भी गोलीबारी देखने को मिली है। चुनाव आयोग ने भी मणिपुर की स्थिति को देखते हुए यहां दो चरणों में चुनाव कराने की घोषणा की है। यहां 19 और 26 अप्रैल को वोटिंग होगी। यह चुनाव मणिपुर आउटर सीट पर होगा।

आउटर मणिपुर में दो चरणों में होगी वोटिंग

मणिपुर की 28 विधानसभा सीटों में से 15 पर पहले चरण में, जबकि 13 सीटों पर दूसरे चरण में वोटिंग होगी। वहीं, इनर मणिपुर सीट पर एक ही चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग होगी। हिंसा को देखते हुए चुनाव आयोग ने यहां बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात करने का आदेश दिया है।

4- अनंतनाग सीट

अनंतनाग लोकसभा सीट केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अंतर्गत आती है। आतंकी हमलों की आशंका को देखते हुए यह सीट संवेदनशील मानी गई है। यहां कुल 16 विधानसभा सीटें हैं। इसमें से पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग सीटों पर पूर्व में आतंकी हमले हो चुके हैं। ऐसे में यहां बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। यहां तीसरे चरण में 7 मई को वोट डाले जाएंगे। पिछले साल सितंबर में भी यहां आतंकी हमला देखने को मिला था, जिसमें 3 अफसर शहीद हो गए थे।

5- बारामूला सीट

बारामूला सीट भी जम्मू-कश्मीर के अंतर्गत आती है। यहां सबसे पांचवें चरण में 20 मई को वोट डाले जाएंगे। आतंकी हमलों की आशंका को देखते यह सीट भी काफी संवेदनशील है। बारामूला में पहले भी कई आतंकी हमले हो चुके हैं। ऐसे में चुनाव आयोग ने यहां बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात करने का निर्देश दिया है।

पश्चिम बंगाल की 6 सीटें आर्थिक रूप से संवेदनशील

चुनाव आयोग ने पहली बार पश्चिम बंगाल की छह सीटों को आर्थिक रूप से संवेदनशील घोषित किया है। इन सीटों में दार्जिलिंग, आसनसोल, मालदा साउथ, बोनगांव, कोलकाता नॉर्थ और कोलकाता साउथ शामिल हैं। आयोग के मुताबिक, यहां बेहिसाब नकदी और शराब की आमद होती है, जिसे रोकने के लिए अतिरिक्त सीसीटीवी लगाएं जाएंगे। यह भी पढ़ें: जब मेघालय की जनता ने ‘ह‍िटलर’ को द‍िला दी जीत, चुनाव आयोग भी रह गया हैरान

दार्जिलिंग में सीमा सील करने का आदेश

दार्जिलिंग में घुसपैठ और तस्करी को रोकने के लिए आयोग ने नेपाल के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा को सील करने का निर्देश दिया है। मालदा दक्षिण और बोनगांव सीट के लिए भी आयोग ने यह निर्देश दिए हैं। बंगाल की तीन सीटों कूचबिहार, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार में 19 अप्रैल को मतदान होगा। यहां केंद्रीय बलों की 250 कंपनियां तैनात की गई हैं। यह भी पढ़ें: लालू यादव जिस सीट से पहली बार बने सांसद, अब वहीं से बेटी रोहिणी आचार्य लड़ सकती हैं चुनाव


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