राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा राज्य विधेयकों में सुप्रीम कोर्ट के समय सीमा संबंधी निर्णय पर सवाल उठाए जाने पर पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार कहते हैं, यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण संवैधानिक और राजनीतिक घटनाक्रम है। राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट को जो संदर्भ दिया है, वह भारत के लोकतंत्र के बारे में एक बहुत ही बुनियादी सवाल को छूता है, अर्थात न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच सत्ता की सीमाएं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस प्रश्न पर अपना निर्णय दिए जाने के बाद देश में इस पर गंभीर चर्चा हुई है। इस मामले पर दो दृष्टिकोण हैं - भारत के राष्ट्रपति ने संदर्भ देकर अच्छा किया है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ सलाहकार राय देगी और उस सलाहकार राय के अनुसार चीजें स्पष्ट हो जाएंगी। मुझे लगता है कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच जो टकराव दिख रहा है, उसका कोई समाधान होना चाहिए, जो देश के लिए अच्छा नहीं है।
#watch | On President Murmu questioning SC's deadline ruling in State bills, Former Law Minister Ashwani Kumar says, "This is a very important constitutional and political development. The reference the President has made to the Supreme Court touches upon a very fundamental… pic.twitter.com/Asg1K7lwr7
— ANI (@ANI) May 15, 2025