TrendingMaha Kumbh 2025Saif Ali KhanDelhi Assembly Elections 2025bigg boss 18Republic Day 2025Union Budget 2025IPL 2025

---विज्ञापन---

वकील ने सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के लिए भेज दिया अपना ‘जूनियर’, हो गई घनघोर बेइज्जती, जानिए रोचक पूरा किस्सा

Lawyer Sends Junior To Supreme Court: देश की सबसे बड़ी अदालत से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने सुनवाई स्थगित करने के अनुरोध को लेकर अपनी जगह अपना जूनियर वकील भेज दिया। जूनियर वकील भी मस्त-मौला निकला। उसने न तो केस की कोई जानकारी जुटाई, न ही तैयारी […]

CJI DY Chandrachud
Lawyer Sends Junior To Supreme Court: देश की सबसे बड़ी अदालत से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने सुनवाई स्थगित करने के अनुरोध को लेकर अपनी जगह अपना जूनियर वकील भेज दिया। जूनियर वकील भी मस्त-मौला निकला। उसने न तो केस की कोई जानकारी जुटाई, न ही तैयारी की। मामला चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की खंडपीठ से जुड़ा था। चीफ जस्टिस को जैसे ही पता चला वे नाराज हो उठे। उन्होंने रिकॉर्ड पर मौजूद वकील पर 2,000 का जुर्माना लगाया। दरअसल, एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एक वकील होता है जो अपने मुवक्किलों का प्रतिनिधित्व करने और सुप्रीम कोर्ट में मामले दायर करने के लिए अधिकृत है।

चीफ जस्टिस की अगुवाई में तीन जज सुन रहे थे मामला

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने गुरुवार को एक सूचीबद्ध मामले की सुनवाई शुरू की। पीठ में न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। सुनवाई शुरू होते ही एक जूनियर वकील पेश हुआ। उसने अनुरोध किया कि मामले को स्थगित कर दिया जाए, क्योंकि बड़े वकील उपलब्ध नहीं हैं। इस पर पीठ नाराज हो गई। पीठ ने कहा कि आप हमें इस तरह हल्के में नहीं ले सकते। अदालत के कामकाज में ढांचागत लागत शामिल है। बहस शुरू करें।

वकील को कर लिया तलब

जूनियर वकील सकपका गया। उन्होंने कहा कि वह मामले से अनभिज्ञ हैं और उन्हें इस मामले पर बहस करने का कोई निर्देश नहीं है। पीठ ने आपत्ति जताते हुए कहा कि हमें संविधान से मामले की सुनवाई के निर्देश मिले हैं। कृपया वकील को ऑन रिकॉर्ड बुलाएं। उसे हमारे सामने पेश होने के लिए कहें। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीनियर वकील वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। इसके बाद अपनी गलती के लिए माफी मांगी।

अदालत ने पूछे ये सवाल

पीठ ने उनसे पूछा कि उन्होंने बिना किसी कागजात और मामले की जानकारी के एक जूनियर को अदालत में क्यों भेजा? पीठ ने तब अपने आदेश में दर्ज करते हुए लिखा कि एक जूनियर को बिना किसी कागजात के बिना तैयारी के भेजा गया था। जब हमने स्थगन देने से इनकार कर दिया, तो रिकॉर्ड पर वकील उपस्थित हुए। मामले को इस तरीके से संचालित नहीं किया जा सकता है। यह अदालत और दोनों के लिए अहितकारी है। जूनियर को बिना किसी पेपर के उपस्थित होने के लिए कहा गया है। रिकॉर्ड पर मौजूद वकील को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को 2,000 की लागत जमा करनी होगी और उसकी रसीद पेश करनी होगी। यह भी पढ़ें: अनंतनाग में शहीद मेजर Ashish Dhonchak का सपना रह गया अधूरा, फैमिली को देने वाले थे खास तोहफा


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.