विशाल एंग्रीश, चंडीगढ़: Kisan Andolan Update: किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। सोमवार को किसानों की मांगों को लेकर चंडीगढ़ में आपात बैठक हुई। ये बैठक बेनतीजा रही। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के मन में खोट है। उसने जिद्दी रुख अपनाया हुआ है। अब हम दिल्ली कूच कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार, किसानों के 2500 ट्रैक्टर दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं।
पांच घंटे चली बैठक
सरकार, प्रशासन और किसानों के बीच किसान आंदोलनको लेकर हुई बैठक पांच घंटे से ज्यादा चली। किसान नेता जगजीत सिंह डलेवाल बाहर आए। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से पिछली बार की तरह ही जिद्दी रवैया अख्तियार किया जा रहा है। सरकार के मन में खोट है।
हम किसी से टकराव नहीं चाहते
उन्होंने आगे कहा- वह टाइम पास करवाना चाहती है, देना कुछ नहीं चाहती। वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हम किसी से टकराव नहीं चाहते। जो प्रस्ताव सरकार ने दिया है। हम उस पर विचार करेंगे। साथ ही कल 10 बजे दिल्ली कूच होगा। किसान नेताओं ने बताया कि ऋण मुक्ति और एमएसपी पर सरकार ने कहा कि इसके लिए कमेटी बनेगी। हम मुकदमे वापस ले लेंगे।
पंधेर ने आगे कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा एमएसपी को लेकर है। सरकार की जिद के कारण हमें मजबूरी में दिल्ली कूच करना पड़ रहा है। हम यहां बड़ा दिल लेकर आए थे। ताकि कोई ये न कह दे कि बातचीत करने नहीं आए, लेकिन सरकार उद्योगपतियों के ऋण माफ कर सकती है, किसानों के नहीं।
कुछ मांगों पर सहमति बनने की बात आई थी सामने
इससे पहले कहा जा रहा था कि इस मीटिंग में कुछ मांगों पर सहमति बनी है। किसान नेता रंजीत सिंह राजू मीटिंग से बाहर आए। उन्होंने दावा किया कि कुछ मांगों पर सहमति बनी है, लेकिन एमएसपी और ऋण माफी को लेकर गतिरोध जारी है।
सूत्रों के अनुसार, किसानों पर दर्ज केसों को वापस लेने पर बात की गई। साथ ही लखीमपुर खीरी के पीड़ितों को 10 लाख रुपये देने की भी बात हुई। कहा जा रहा है कि बिजली बिल फिलहाल संसद में पेश नहीं होगा।
कड़ी की गई सुरक्षा
इससे पहले हरियाणा के प्रमुख सचिव विजयेंद्र कुमार ने किसान आंदोलन को लेकर कहा- ''हरियाणा की सीमाएं राजस्थान और पंजाब से लगती हैं। पंजाब की ओर दोनों बॉर्डर पर पर्याप्त बल तैनात किया गया है। दो अस्थायी जेलें भी बनाई गई हैं। साथ ही एम्बुलेंस के लिए अल्टरनेटिव रूट्स खोले गए हैं। इसके साथ ही 11 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं।''