Amit Shah Exclusive: ‘अब उन्हें बजरंगबली नाम से भी परहेज…’, गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर साधा निशाना
Amit Shah Exclusive
Amit Shah Exclusive: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस ने मंगलवार को अपना घोषणा पत्र जारी किया। इसमें बजरंग दल, पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने समेत कानूनी कार्रवाई करने का दावा किया गया है। भाजपा ने पीएफआई से बजरंग दल की तुलना किए जाने को मुद्दा बना दिया है। इसी मुद्दे पर NEWS24 ने कर्नाटक में रोड शो कर रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से Exclusive बात की। अमित शाह ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और यूनिफार्म सिविल कोड पर भी अपनी राय रखी।
सवाल: कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कही है?
अमित शाह: कांग्रेस पार्टी सालों से एपिसमेंट पॉलिटिक्स (Appeasement Politics) करती आ रही है। एपिसमेंट पॉलिटिक्स के तहत सालों तक उन्होंने राम मंदिर पर ताला लगाकर रखा और अब उन्हें बजरंग बली के नाम से भी परहेज है। कर्नाटक की जनता को तय करने दीजिए कि वे ठीक कह रहे हैं या गलत।
सवाल: कांग्रेस ने महिलाओं को हर महीने दो हजार रुपए, बेरोजगारों काे भत्ता देने का वादा किया है?
अमित शाह: हर पार्टी ने अपनी समझ और योजना के हिसाब से घोषणा पत्र बनाया है। इस बार हम बहुमत से 15 सीटें ज्यादा जीतने वाले हैं।
सवाल: आपने पिछले 2-3 विधानसभा चुनावों में यूनिफॉर्म सिविल कोड का अनाउंस किया था। यहां भी किया है। कैसा रिस्पांस रहा?
अमित शाह: यूनिफॉर्म सिविल कोड चुनावी रिस्पांस के लिए नहीं है। ये संविधान की स्प्रिट है। संविधान के आर्टिकल के भीतर संविधान निर्माताओं ने हमसे अपेक्षा की है कि हम यूनिफार्म सिविल कोड बनाएं। 1950 से हम कह रहे हैं कि हम यूनिफार्म सिविल कोड बनाएंगे। इसलिए हमने तय किया है कि कर्नाटक में इस बार कॉमन सिविल कोड बनाएंगे।
यहां देखिए पूरा VIDEO...
भाजपा ने कांग्रेस को चौतरफा घेरा
पीयूष गोयल बोले- शर्मनाक सोच सामने आई
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आज जो उन्होंने (कांग्रेस) अपने घोषणापत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात कही है वह बहुत ही शर्मनाक है। एक संस्था जो श्री राम की सेवा में जुटी है, जो बजरंग दल बजरंगबली का नारा लेकर जनता में अपना काम करता है, उसपर ताला लगाने की जो कोशिश कांग्रेस कर रही है। यह उनकी सोच को दर्शाती है।
कांग्रेस 20 सीट नीचे गई
तमिलनाडु के भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि PFI टेरर मॉड्यूल, हवाला, मनी लॉडरिंग आदि में शामिल था, PFI के लोगों पर UAPA के मामले दर्ज थे। PFI देश के खिलाफ था इसलिए PFI को बैन किया गया। लेकिन बजरंग दल के लोग ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं हैं, वे हनुमान के भक्त हैं। कांग्रेस जो 30-40 सीट जीतने वाली थी, घोषणापत्र के जारी होने के बाद ये सीट 20 से नीचे चली गई हैं।
पीएफआई से बराबरी की कोशिश कर रही कांग्रेस
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कांग्रेस मुस्लिमों को आरक्षण नहीं दे सकती क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है लेकिन इसे बता कर वे मुस्लिम वोट के लिए असंवैधानिक काम कर रहे हैं। बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कर ये बजरंग दल और PFI की बराबरी करने की कोशिश कर रहे हैं।
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