Lok Sabha Elections: भारतीय जनता पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में दक्षिण भारतीय राज्यों में अपना जनाधार बढ़ाने और 400 पार के अपने लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है. हालांकि पिछले चुनावों में कर्नाटक के अलावा किसी अन्य दक्षिण भारतीय राज्य में भाजपा कोई करिश्मा नहीं दिखा सकी.
खासकर तमिल राजनीति में इसकी पहुंच शून्य तक ही रही. क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का दबदबा रहा. पर अब एक युवा चेहरे के. अन्नामलाई पर दांव लगाकर भाजपा तमिलनाडु में शून्य से शिखर तक पहुंचने की जुगत में लग गई है.
कर्नाटक कैडर के आईपीएस और सिंघम के नाम से मशहूर के 39 वर्ष के के. अन्नामलाई वर्तमान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं. पार्टी पर उनके भरोसे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके लिए भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 के पहले अपने एक मुख्य सहयोगी दल एआईडीएमके के साथ गठबंधन तक तोड़ दिया.
एआईडीएमके से टूटा भाजपा का गठबंधन
दरअसल, एआईएडीएमके नेता तमिलनाडु में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई के हालिया बयानों से नाराज थे. बताया जाता है कि हाल ही में अन्नामलाई ने द्रविड़ आइकन सीएन अन्नादुरई पर टिप्पणी की थी. उन्होंने 11 सितंबर 2023 को आरोप लगाया था कि अन्नादुरई ने मदुरै में एक कार्यक्रम में हिंदू धर्म का अपमान किया था.
अन्नामलाई के मुताबिक अन्नादुराई को अपनी टिप्पणी के बाद मदुरै में छिपना पड़ा और इसके बाद उन्हें अपने बयान के लिए माफी भी मांगनी पड़ी थी. अन्य कई घटनाओं का भी अन्नामलाई ने जिक्र किया था जिसके बाद एआईडीएमके ने उन्हें भाजपा शीर्ष नेतृत्व से हटाने की मांग शुरू कर दी पर.
हालांकि भाजपा ने अन्नामलाई को एआईडीएमके के साथ अपने गठबंधन ज्यादा महत्व दिया जिसके चलते एनडीए में टूट सामने आई.
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इमानदार और दबंग व्यक्तित्व के साथ जुझारू भी हैं के. अन्नामलाई
के. अन्नामलाई इमानदार व्यक्तित्व और दबंग स्वभाव के व्यक्ति हैं । बताया जाता है कि 26 जुलाई 2016 को कर्नाटक के उडुपी पुलिस मुख्यालय के बाहर लोग SP अन्नामलाई कुप्पुसामी के तबादले के विरोध में प्रदर्शन करने लगे। दोबारा 16 अक्टूबर 2018 को कर्नाटक के ही चिकमंगलूर पुलिस मुख्यालय के बाहर भी ऐसा ही प्रदर्शन हुआ. लोगों का कहना था कि ऐसा ईमानदार अफसर मिलना मुश्किल है.
लाखों की नौकरी छोड़ आईपीएस बने
तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कोयंबटूर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने आईआईएम लखनऊ से एमबीए किया जिसके बाद एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में लाखों के पैकेज को छोड़ वह यूपीएससी की परीक्षा में बैठे और फिर कर्नाटक कैडर में बतौर आईपीएस ज्वाइन किया.
के. अन्नामलाई कहते हैं कि उन्होंने बहुराष्ट्रीय कंपनी में प्लेसमेंट के बजाय सिविल सेवा की परीक्षा देना ज्यादा उचित समझा ताकि वे आम लोगों की सेवा कर सकें. आईएएस उनकी पहली पसंद थी हालांकि बाद में उन्होंने आईपीएस चुना.
2019 से शुरू किया राजनीतिक सफर
साल 2019 में पुलिस सेवा से इस्तीफा देते वक्त अन्नामलाई बेंगलुरु दक्षिण के डीसीपी थे. इसके बाद अन्नामलाई ने 25 अगस्त 2020 को बीजेपी में शामिल हुए. तमिलनाडु के करूर जिले से आने वाले एक साधारण कृषि परिवार में जन्मे अन्नामलाई कोंगु-वेल्लार जाति के हैं. इनकी जाति आज़ादी के वक़्त तो अगड़ी जातियों में आती थी लेकिन 1975 से इसे बैकवर्ड जाति का दर्ज़ा दे दिया गया.
महज 36 वर्ष की उम्र में बीजेपी ने बनाया प्रदेश अध्यक्ष
बीजेपी ने 9 जुलाई, 2021 को महज 36 साल की उम्र में अन्नामलाई कुप्पुसामी को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया. जानकारों ने इसे बीजेपी की बैकवर्ड जातियों के बीच पैठ बनाने वाला कदम बताया था. अप्रैल 2021 में तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव हुए.
उनके नेतृत्व में पार्टी ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से चार सीटों पर वह जीती. वोट शेयर 2.6 परसेंट रहा. खुद अन्नामलाई अरवाकुरुच्ची सीट से 24,300 वोटों से हार गए. हालांकि तब से लगातार उनका जनसंपर्क जारी है और अब तमिलनाडु में उनकी लोकप्रियता चरम पर पहुंचती जा रही है.
चुनाव से पहले 39 लोकसभा व 234 विधानसभा में निकाली पदयात्रा
के. अन्नामलाई पर भाजपा शीर्ष नेतृत्व कितना भरोसा करता है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जुलाई 2023 में भाजपा की “एन मन, एन मक्कल” (मेरी जमीन, मेरे लोग) नाम से शुरू हुई पदयात्रा को हरी झंडी दिखाने खुद अमितशाह वहां गए. वहीं, इसके समापन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां जनसभा करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने वहां उपस्थित अपार जनसमूह को देख के. अन्नामलाई की खुलकर तारीफ की. बता दें कि यह पदयात्रा 39 लोकसभा और 234 विधानसभा क्षेत्र में निकाली गई जिसकी अगुवाई के अन्नामलाई ने ही की।