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Joshimath Sinking: शंकराचार्य माधव आश्रम मंदिर के शिवलिंग में दरारें, खतरनाक रूप लेता भूस्खलन!

Joshimath Sinking: उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में हो रहा भूस्खलन अब विकराल रूप लेता नजर आ रहा है। जोशीमठ में मां भगवती मंदिर के भूस्खलन की चपेट में आने के बाद अब शंकराचार्य माधव आश्रम मंदिर के शिवलिंग में दरारें आ गई हैं। लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास परिसर के भवनों में बड़ी-बड़ी […]

Joshimath Sinking: उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में हो रहा भूस्खलन अब विकराल रूप लेता नजर आ रहा है। जोशीमठ में मां भगवती मंदिर के भूस्खलन की चपेट में आने के बाद अब शंकराचार्य माधव आश्रम मंदिर के शिवलिंग में दरारें आ गई हैं। लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास परिसर के भवनों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। ज्योतिर्मठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने बताया कि मठ के प्रवेश द्वार, लक्ष्मी नारायण मंदिर और सभागार में दरारें आ गई हैं। इस परिसर में टोटकाचार्य गुफा, त्रिपुर सुंदरी राजराजेश्वरी मंदिर और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य का आसन स्थित है।

विशेषज्ञों की टीम भी हैरान

जोशीमठ में तबाही देख विशेषज्ञों की टीम भी हैरान रह गई। पहले दिन टीम शहर के इस कदर धंसने के कारणों और दर्जनों मकानों और इमारतों की दीवारों, दरवाजों, फर्शों में आई दरारों का पता लगाने में नाकाम रही। सामने आई शंकराचार्य के गद्दी स्थल की तस्वीरें सभी को परेशान कर रही हैं। जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ज्योतिर्मठ भी इसकी चपेट में आ रहा है। उन्होंने राज्य सरकार से भू-स्खलन से प्रभावित परिवारों को शीघ्र राहत दिलाने और उनके पुनर्वास की उचित व्यवस्था करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से जमीन धंसने के संकेत मिल रहे हैं। लेकिन समय पर इसकी सुध नहीं ली गई। जोशीमठ में भू-धंसाव की घटना बेहद चिंताजनक है। ऐतिहासिक और पौराणिक सांस्कृतिक नगरी जोशीमठ खतरे में है। एक हफ्ते में 500 से ज्यादा घर भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं। घरों में दरारें आ गई हैं। विशेषज्ञ दल ने देखा कि जोशीमठ के सभी हिस्सों से सतह के नीचे पानी का बेतरतीब रिसाव हो रहा था। इसका एक छोर नहीं है।


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