जम्मू-कश्मीर: परिवारों का डेटाबेस बनाने पर सियासी उठापटक तेज, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दिया ये बयान
पंकज शर्मा, नई दिल्ली: केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को सही लाभार्थियों तक पहुंचाने के मकसद से जम्मू-कश्मीर प्रशासन प्रदेश के सभी परिवारों का एक डेटाबेस बनाने की योजना बना रहा है। हालांकि इस योजना के लागू होने से पहले ही इस पर सियासी उठापटक तेज हो गई है।
परिवार पहचान पत्र बनाने का फैसला
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि किसी को भी इसके बारे में भ्रम नहीं होना चाहिए। यह एक परिवार पहचान पत्र बनाने का फैसला है। व्यक्तिगत तौर पर आधार कार्ड तो बना ही है, लेकिन यह परिवारों के लिए सहमति से ही बनाया जाएगा।
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योजनाओं का मिलेगा फायदा
यह 8 डिजिट का होगा और यह जब डाटा बन जाएगा तो उसका काफी फायदा होगा। इससे हमारी सोशल सिक्योरिटी या अन्य कोई योजनाओं के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी, जो बेनेफिशरी होंगे उनको लाभ दे दिया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि इससे और ज्यादा ट्रांसपेरेंसी रहे और समय की बचत भी हो।
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कश्मीरी पंडितों को समय दिया गया
कश्मीरी पंडितों को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जब भी कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों ने सरकार से समय मांगा उनको हर वक्त समय दिया गया। जो भी उनके विषय थे खास तौर पर प्रमोशन को लेकर वह सारे मसले हल किए गए हैं। केवल कश्मीरी पंडित ही नहीं मुझसे जो बातचीत करना चाहता है मेरे दरवाजे 24 घंटे उसके लिए खुले हैं।
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