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जगदीप धनखड़ ने इस्तीफे के 4 महीने बाद तोड़ी चुप्पी, स्पीच में RSS को भी सराहा; कहां-क्या बोले पूर्व उपराष्ट्रपति?

Jagdeep Dhankhar Speech: जगदीप धनखड़ ने इस्तीफे के 4 महीने बाद कहा कि समय कम होने की वजह से गला पूरी तरह खुल नहीं पाया. नैरेटिव के चक्कर में न ही पड़ो तो बेहतर होगा और फ्लाइट छूटने की चिंता में मैं अपना कर्तव्य नहीं भूल सकता. इसका सबसे बड़ा उदाहरण मेरा अतीत है.

जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक पद से इस्तीफा दिया था.

Jagdeep Dhankhar Speech: उप-राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के 4 महीने बाद जगदीप धनखड़ ने पहली पब्लिक स्पीच दी, जिसमें उन्होंने अपने इस्तीफे को लेकर भी दोटूक शब्दों में ही सही, लेकिन इशारों-इशारों में बहुत कुछ कह दिया. अपनी स्पीच में उन्होंने RSS की तारीफ भी की. जगदीप धनखड़ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में RSS के जॉइंट सेक्रेटरी मनमोहन वैद्य की किताब 'हम और यह विश्व' का विमोचन करने आए थे, जहां उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित भी किया.

गोल-मोल बातों में वे कह गए बड़ी बात

पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि समय की कमी थी, इसलिए मेरा गला पूरी तरह से खुल नहीं पाया, लेकिन फ्लाइट छूटने की चिंता में मैं अपना कर्तव्य नहीं भूल सकता और इसका सबसे बड़ा उदाहरण मेरा अतीत है, लेकिन मैं अपने मन की बात पूरी नहीं बोल सकता. मुस्कुराते हुए यह बातें कहकर जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे पर इशारों-इशारों में बहुत कुछ कह दिया. जगदीप धनखड़ ने 4 महीने मानसून सत्र से ठीक पहले अचानक उप-राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर चौंकाया था.

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RSS के बारे में ये बोले जगदीप धनखड़

पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीन धनखड़ ने अपने भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा पर भी खुलकर बात की और तारीफों के पुल बांधे. उन्होंने कहा कि आज की उथल-पुथल से भरी दुनिया का मार्गदर्शन सिर्फ भारत कर सकता है और इसके लिए भारत अपनी 6000 साल पुरानी परंपराओं और सभ्यताओं के अनुभव का फायदा उठा सकता है. RSS में भारत देश को और मजबूत करने की क्षमता है. RSS को लेकर देशवासियों के दिल-दिमाग में कई गलतफहमियां हैं. RSS पर झूठे आरोप भी लगते रहे हैं, लेकिन मनमोहन वैद्य की यह किताब मिथकों को तोड़कर असली RSS के दर्शन कराती है.

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उपराष्ट्रपति चुनाव: जगदीप धनखड़ ने अचानक क्यों दिया था इस्तीफा? क्या है पद छोड़ने की इनसाइड स्टोरी

जगदीप धनखड़ ने किया नैरेटिव का जिक्र

पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज की दुनिया, आज की जनरेशन नैरेटिव की जिंदगी जी रही है. सामने वाले का जज करके उसके बारे में नैरेटिव बना लिया जाता है, लेकिन नैरेटिव के चक्कर में न ही पड़े तो बेहतर होगा. एक बार इसके चक्कर में फंसेंगे तो कभी निकल नहीं पाएंगे. जहां लोग उस जिंदगी को जी रहे हैं, जिसमें वे एक बार जो सोच लेते हैं, उसे ही स्वीकार कर लेते हैं, फिर बेशक आप जितनी मर्जी सफाई दे दो, उन्हें फर्क नहीं पड़ता.


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