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INS Vikrant: Indian Navy ने रचा इतिहास, लड़ाकू विमान ने आईएएनएस विक्रांत पर की सफल लैंडिंग, गर्व से भर देंगी ये तस्वीरें

INS Vikrant: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भारतीय नौसना (Indian Navy) ने सोमवार को नया कीर्तिमान बनाया है। नौसेना के पायलटों ने आईएएन विक्रांत (INS Vikrant) पर हल्के भार वाले लड़ाकू विमान (LCA) की सफल लैंडिंग की है। यह स्वदेशी लड़ाकू हैं। साथ ही आईएएनएस विक्रांत भी स्वदेशी है। इससे भारत की विमान और वाहक […]

नौसेना के पायलटों ने आईएएन विक्रांत (INS Vikrant) पर हल्के भार वाले लड़ाकू विमान (LCA) की सफल लैंडिंग की है।
INS Vikrant: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भारतीय नौसना (Indian Navy) ने सोमवार को नया कीर्तिमान बनाया है। नौसेना के पायलटों ने आईएएन विक्रांत (INS Vikrant) पर हल्के भार वाले लड़ाकू विमान (LCA) की सफल लैंडिंग की है। यह स्वदेशी लड़ाकू हैं। साथ ही आईएएनएस विक्रांत भी स्वदेशी है। इससे भारत की विमान और वाहक दोनों को बना सकता है। नौसेना के प्रवक्ता विवेक मधवाल ने कहा, 'आईएएनएस विक्रांत पर एलसीए (नौसेना) की लैंडिंग के बाद भारतीय नौसेना द्वारा आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया गया है।' और पढ़िए –Rafale Allegation: PM मोदी का राहुल गांधी पर हमला, बोले- झूठ का पर्दाफाश कर रही HAL की ताकत [caption id="attachment_147083" align="alignnone" ] INS Vikrant भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट वाहक है।[/caption]

आईएएनएस विक्रांत से दागी जा सकती है 32 बराक-8 मिसाइल 

आईएएनएस विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट वाहक है। इसे 2022 में 2 सितंबर को नेवी में शामिल किया गया था। इसे देश के सबसे बड़े युद्धपोत के तौर पर जाना जाता है। इसका कोचिन शिपयार्ड ने बनाया था। इस युद्धपोत पर 300 विमानों का संचालन किया जा सकता है। इसका वजन 45 हजार टन है। यह समुद्र पर तैरता हुआ एयरफोर्स का स्टेशन है। आईएएनएस विक्रांत से 32 बराक-8 मिसाइल दागी जा सकती है। और पढ़िए –एशिया के सबसे बड़े हेलीकॉप्टर फैक्ट्री का PM मोदी ने किया उद्घाटन, हर साल बनेंगे 30 हेलीकॉप्टर भारत के अलावा सिर्फ 4 देश बना सकते हैं युद्धपोत आईएएनएस विक्रांत की लंबाई 262 मीटर और चौड़ाई 62 मीटर है। इसके निर्माण पर 20 हजार करोड़ रुपए आया था। इसे बनाने में करीब 10 साल लगे थे। इस युद्धपोत में करीब 1600 चालक दल बैठ सकते हैं। अभी तक अमेरिका, रुस, चीन और ब्रिटेन जैसे देश ही युद्धपोत बना सकते हैं। वहीं, हल्के लड़ाकू विमान LCA को हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी HAL ने बनाया है। [caption id="attachment_147085" align="alignnone" ] इसके निर्माण पर 20 हजार करोड़ रुपए आया था। इसे बनाने में करीब 10 साल लगे थे।[/caption] भारत के पास दो युद्धपोत हैं। पहला आईएएनएस विक्रांत और दूसरा आईएएनएस विक्रमादित्य। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने जनवरी 2020 में,  INS विक्रमादित्य पर नेवल लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) की सफल लैंडिंग का प्रदर्शन किया था और उसके बाद, पांच दिनों में 18 टेक-ऑफ और लैंडिंग का आयोजन किया गया था। हालांकि, नौसेना ने वाहक से संचालित करने के लिए एक जुड़वां इंजन वाले विमान की आवश्यकता जताई थी। DRDO ने अब नौसेना LCA के अनुभव पर एक ट्विन इंजन डेक-आधारित फाइटर (TEDBF) विकसित करना शुरू कर दिया है। यह भी पढ़ेंभारतीय नौसेना में शामिल हुआ INS मोरमुगाओ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताई विध्वंसक युद्धपोत की खूबियां और पढ़िए – देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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