Purnima Devi Barman Time Magazine : पूर्णिमा देवी बर्मन का नाम सुना है कभी ? हो सकता है कि आपने न सुना हो क्योंकि ये कोई फिल्मी स्टार तो है नहीं लेकिन पर्यावरण के लिए इन्होंने असाधारण योगदान दिया है। इनके योगदान को देखते हुए राष्ट्रपति भी इन्हें सम्मानित कर चुके हैं। आइए जानते हैं कि आखिर कौन हैं पूर्णिमा देवी बर्मन, जिन्होंने टाइम पत्रिका की वूमेन ऑफ द ईयर 2025 की सूची में जगह बनाई है।
भारतीय संरक्षणवादी (Protectionism) पूर्णिमा देवी बर्मन ने वन्यजीव संरक्षण में अपने असाधारण योगदान के लिए टाइम पत्रिका की वूमेन ऑफ द ईयर 2025 की सूची में जगह बनाई है। असम की पूर्णिमा देवी बर्मन 12 अन्य सम्मानों के साथ इस सूची में शामिल होने वाली एकमात्र भारतीय महिला हैं।
कौन हैं पूर्णिमा देवी बर्मन?
पूर्णिमा देवी बर्मन का जन्म असम के कामरूप में हुआ। उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से पारिस्थितिकी और वन्यजीव जीवविज्ञान (Ecology and Wildlife Biology) में विशेषज्ञता के साथ जूलॉजी में मास्टर डिग्री हासिल की। साल 2007 में पीएचडी के शोध के दौरान उन्होंने एक शख्स को पेड़ काटते हुए देखा, जिस पर चिड़िया ने घोंसला बना रखा था। इसके बाद उन्होंने जीव और जानवरों के लिए काम करना शुरू कर दिया।
Indian biologist and wildlife conservationist Purnima Devi Barman named “Woman of the Year” by Time magazine. #PurnimaDeviBarman pic.twitter.com/xS9yNa0iDq
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क्या है हरगिला सेना?
सारस की रक्षा के लिए पूर्णिमा देवी बर्मन ने पक्षी के बारे में लोगों की धारणा को बदलना शुरू किया। इसके संरक्षण की दिशा में काम शुरू करने के सोलह साल बाद उनके पास लगभग 10,000 महिलाओं की एक टीम है, जिसका नाम “हरगिला सेना” है। यह टीम पक्षियों के घोंसले के स्थानों की रक्षा करती है, घायल सारसों का पुनर्वास करती है और यहां तक कि नए बच्चे के जन्म पर “बेबी शॉवर” के साथ जश्न मनाती है।
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पूर्णिमा देवी बर्मन ने महिलाओं के उत्थान के लिए भी काम किया। 2017 में पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भारतीय महिलाओं के लिए सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से पूर्णिमा को सम्मानित किया था। साल 2017 में ही उन्हें यूनाइटेड किंगडम की राजकुमारी ऐनी के ग्रीन ऑस्कर के रूप में जाना जाने वाला व्हिटली पुरस्कार भी दिया गया था।