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25 टन वजन, 105MM की गन…भारतीय सेना का ये ‘हथियार’ पलक झपकते ढेर करता दुश्मन, 5 खासियतें

Indian Army Tank Trial Run: भारतीय सेना को एक नया हथियार नया टैंक मिलने वाला है, जिसका राजस्थान के बीकानेर में सफल टेस्ट किया गया। टेस्टिंग के बाद फील्ड ट्रायल के लिए इसे आर्मी को सौंपा जाएगा। आइए इस टैंक की खासियतों के बारे में जानते हैं...

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Sep 14, 2024 09:21
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Indian Army Tank Zorawar

Indian Army Tank Zorawar Key Features: भारतीय सेना के नए टैंक जोरावर का ट्रायल सफल हो गया है। बीते दिन राजस्थान के बीकानेर में महाजन फायरिंग रेंज में इस टैंक का टेस्ट लिया गया और यह दिए गए टैंक को भेदने में सफल रहा है। इस टैंक को स्पेशली पहाड़ों और रेगिस्तानी एरिया के लिए डिजाइन किया गया है।

2 साल की टेस्टिंग के बाद साल 2027 में इस टैंक को भारतीय सेना में शामिल कर लिया जाएगा। वहीं इस टैंक के साथ ही भारतीय सेना की बख्तरबंद और लड़ाकू हथियार की तलाश भी पूरी हो गई है। DRDO ने टैंक की टेस्टिंग का वीडियो भी अपने X हैंडल पर भी शेयर किया है। साथ ही DRDO की ओर से टैंक की खासियतें भी बताई गई हैं।

 

आइए इस टैंक की खासियतें जानते हैं…

1. टैंक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश में 8 से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर और गुजरात में पाकिस्तान से सटे कच्छ के रण में भी इस टैंक को बखूबी इस्तेमाल किया जा सकेगा।

2. टैंक करीब 25 टन वजनी है। इसकी शुरुआती टेस्टिंग में फायरिंग रेंज का टेस्ट किया गया। इस टैंक में 105 मिलीमीटर लंबी गन है, जो छोटे से प्रोसेस के बाद आसानी से फायरिंग कर सकती है।

3. टैंक को T-72 और T-90 टैंकों का विकल्प बताया जा रहा है, क्योंकि इन टैंकों को पहाड़ी और रेगिस्तानी एरिया में इस्तेमाल करने में मुश्किल आती है।

4. टैंक को DRDO और लार्सन एंड टूब्रो ने मिलकर बनाया है। ऐसे करीब 354 टैंक बनाने का प्रोजेक्ट है।

5. DRDO चीफ समीर वी कामत ने 6 जुलाई को गुजरात में इस टैंक का सबसे पहले दुनिया के सामने पेश किया था।

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फील्ड ट्रायल के बाद आर्मी में शामिल होगा

HT की रिपोर्ट के अनुसार, DRDO की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस टेस्टिंग को ऑनलाइन लाइव देखा और टैंक की पॉवर देखकर उसकी तारीफ की। इसे भारतीय सेना के हथियारघर के सबसे खतरनाक हथियारों में से एक बताया। आर्मी को फील्ड में इसका ट्रायल पूरा करने में 12 से 18 महीने लग सकते हैं।

अगले 6 महीने कई टेस्ट करने के बाद इसे आर्मी को ट्रायल के लिए सौंप दिया जाएगा। अगर ट्रायल में टैंक सफल रहा तो इसे ऑफिशियली भारतीय सेना में शामिल कर लिया जाएगा। वहीं लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में इस टैंक को तैनात किया जा सकता है। 300 से ज्यादा जोरावर टैंक बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से 17500 करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया है।

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HISTORY

Written By

Khushbu Goyal

First published on: Sep 14, 2024 09:14 AM

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