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क्या भारत होगा UNSC का स्थायी सदस्य? ब्रिटेन के विदेश सचिव सचिव ने क्यों कही ये बात?

India Should be Permanent Members UNSC: भारत के लिए एक बड़ी खबर है। ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने भारत के साथ-साथ ब्राजील, जर्मनी और जापान को संयुक्त राष्ट्र निकाय की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि […]

India Should be Permanent Members UNSC: भारत के लिए एक बड़ी खबर है। ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने भारत के साथ-साथ ब्राजील, जर्मनी और जापान को संयुक्त राष्ट्र निकाय की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अफ्रीका विश्व मंच पर अपनी आवाज बुलंद करने का हकदार है।

हमें उभरती शक्तियों को साथ लेना होगा

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, मंगलवार को काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स में अपने संबोधन में क्लेवरली ने कहा कि दुनिया में हमारे सामने जो चुनौतियां आ रही हैं, जो बहुत बड़ी हैं, लेकिन हमारे पास पॉजिटिव तरीके से आगे बढ़ने का मौका है। उन्होंने कहा, इसका मतलब यह है कि हम अपने पुराने और पारंपरिक मित्र देशों व सहयोगियों के साथ काम करना होगा। इसका मतलब यह भी है कि हमें दुनिया में उभरती शक्तियों को भी साथ लेना होगा। उदाहरण के लिए यूके ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार को प्रोत्साहित किया है। कहा कि भारत, ब्राजील, जर्मनी, जापान को स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए।

भारत ने हमेशा ऐसे मुद्दों को उठाया

भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से वैश्विक प्रणालियों में सुधार का मुद्दा लगातार वैश्विक मंचों पर उठाया जाता रहा है। दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन में अपने समापन भाषण के दौरान पीएम मोदी ने वैश्विक प्रणालियों को वर्तमान की वास्तविकताओं के अनुसार बनाने के अपने रुख को दोहराया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का उदाहरण लिया। इसके अलावा विदेश संबंध परिषद में अपने संबोधन में चतुराई से अपनी बीजिंग यात्रा के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि चीनी सरकार से उन क्षेत्रों के बारे में बात की, जहां दोनों देशों के बीच गहरे मतभेद हैं।

चीन के मुद्दे पर भी बोला ब्रिटेन

उन्होंने शिनजियांग में उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के साथ चीन के व्यवहार, हांगकांग में स्वतंत्र रूप से प्रवेश करने की प्रतिबद्धता का पालन करने में उनकी विफलता और ताइवान में उनके आक्रामक रुख के बारे में बात की। कहा कि उन्होंने उनके साथ कुछ मुद्दों पर बातचीत की, जिसमें सम्मेलन के बाद आर्थिक सुधार और आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस से कैसे फायदा उठाया जा सकता है।

यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिका की सराहना

ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का मानना है कि वह यूक्रेन और दुनिया भर में उसके दोस्तों पर भारी पड़ सकते हैं। हालांकि यह गलत था। उन्होंने यूक्रेन को सैन्य सहायता देने के लिए अमेरिका की सराहना की और इसे कीव को सैन्य सहायता का अग्रणी आपूर्तिकर्ता बताया। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन, अमेरिका और दुनिया भर के अन्य देशों के समर्थन ने यूक्रेनियों को इस संघर्ष से लड़ने का मौका दिया। देश की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-


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