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पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका देने की तैयारी! एयरस्पेस के बाद अब बंद होंगी शिपिंग लाइन और डाक सेवा?

India Pakistan Tension: पहलागाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं। भारत ने पाकिस्तानी एयरलाइंस के लिए अपना एयरस्पेस बंद करने का फैसला लेकर पाकिस्‍तान को आर्थिक रूप से चोट पहुंचाया है। वहीं, भारत सरकार अब एक और बड़े कदम उठाने पर गंभीरता से विचार कर रही है।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: May 1, 2025 17:06
India Pakistan Tension

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी। ऐसे में आतंकवादियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। भारत सरकार ने सिंधु जल समझौता सस्पेंड करने से लेकर एयरस्पेस बंद करके पड़ोसी मुल्क को साफ संदेश दिया है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक कर आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए सेनाओं को खुली छूट दे दी है। इन सबके बीच भारत एक और बड़ी कार्रवाई पर विचार कर रहा है।

पाकिस्तान के साथ बंद करेगा डाक सेवा?

सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है कि एयरस्पेस बंद करने के बाद अब पाकिस्तान के शिपिंग लाइन का एक्सेस भी बंद कर दिया जाए। साथ ही पोस्टल सर्विसेज पर भी रोक लगाने और पाकिस्तानी आईपी (वेबसाइट) ब्लॉक करने की भी तैयारी की जा रही है।

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PAK एयरलाइंस के लिए बंद किया एयरस्पेस

भारत ने बुधवार को पाकिस्तान के लिए एयरस्पेस बंद कर दिया। इसके लिए नोटिस टू एयरमैन यानी NOTAM जारी किया किया गया है। यह NOTAM 30 अप्रैल से 23 मई तक के लिए जारी किया गया है। इस दौरान पाकिस्तान रजिस्टर्ड कोई भी विमान या मिलिट्री एयरक्राफ्ट भारतीय एयरस्पेस में नहीं घुस सकेगा। बता दें कि भारत ने अपना एयरस्पेस पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के रूप में बंद किया है। इससे पहले पाकिस्तान ने भारत ने लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया था।

पीएम मोदी की बैक-टू-बैक बड़ी बैठकें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस और तीनों सेनाओं के चीफ के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए सशस्त्र बलों को ‘फुल ऑपरेशनल’ छूट दी थी, जिसका मतलब है कि सेनाएं समय, लक्ष्य, और कार्रवाई के तरीके को स्वतंत्र रूप से तय कर सकती हैं। इसके बाद बुधवार को पीएम मोदी ने 5 बड़ी मीटिंग कीं।

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एक सप्ताह में दो बार CCS की बैठक

सबसे पहले बुधवार सुबह 11 बजे CCS यानी की कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक हुई। यह एक हफ्ते में दूसरी बार CCS की बैठक थी। पहलगाम हमले के अगले ही दिन यानी कि 23 अप्रैल को भी CCS की मीटिंग हुई थी। इसके बाद CCPA यानी कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स की मीटिंग हुई। ये मीटिंग सुबह 11 बजकर 20 मिनट पर हुई। CCPA को सुपर कैबिनेट भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें यूनियन कैबिनेट के टॉप मिनिस्टर शामिल होते हैं। तीसरी मीटिंग CCEA यानी कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की हुई। इसके बाद साढ़े 12 बजे दोपहर में मोदी कैबिनेट की बैठक हुई। आम दिनों में भी ये बैठकें होती हैं, लेकिन पहलगाम हमले को देखते हुए ये सारी बैठकें बहुत महत्वपूर्ण हो जाती हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन

इसके बाद प्रधानमंत्री साउथ ब्लॉक में अपने दफ्तर गए और वहां वॉर रूम में भी उन्होंने एक महत्वपूर्ण बैठक की। इसके अलावा सिंधु जल समझौते पर गृहमंत्री अमित शाह ने भी एक अहम बैठक की। सरकार की तरफ से एक बड़ा फैसला भी इसी दिन हुआ। दरअसल, सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन किया। NSAB में सरकार से बाहर के सिक्योरिटी एक्सपर्ट होते हैं। ये 7 सदस्यों का सलाहकार बोर्ड है, जिसमें सेना और सिविल सर्विस से जुड़े रिटायर्ड अधिकारी शामिल किए गए हैं। पूर्व RAW चीफ आलोक जोशी NSAB के चेयरमैन होंगे।

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Edited By

Satyadev Kumar

First published on: May 01, 2025 04:54 PM

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