Cheetah In India: नामीबिया से 8 चीते विशेष विमान से भारत आ चुके हैं। आज उनकी भारत में पहली रात होगी। फिलहाल उन्हें खुले जंगल में नहीं छोड़ा गया है। अगले 30 दिन वह विशेष बाड़े में रहेंगे। इस विशेष बाड़े में उनके आसपास घूमने के लिए पर्याप्त जगह व पेड़ हैं। सूत्रों की मानें तो रातभर वह चिकित्सकों की निगरानी में रहेंगे। अगले कुछ दिनों में उनकी अलग-अलग समय स्वास्थ्य जांच की जाएगी। उनके खानपान का विशेष ख्याल रखा जाएगा। वह जल्द से जल्द भारत के मौसम व माहौल में ढल जाए डॉक्टरों की टीम इस पर काम करेगी।
चहलकदमी कर नजर
जानकारी के मुताबिक डॉक्टरों की टीम यह निगरानी करेगी की चीते कितनी चहलकदमी कर रहें हैं। नई जगह पर उन्हें एडजस्ट होने में कोई दिक्क्त तो नहीं। कई घंटे के सफर का उन पर क्या असर पड़ा है। नामीबिया से 8 चीतों को विशेष चार्टर्ड कार्गो उड़ान की मदद से मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर लाया गया। इसके बाद इन्हें श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में बनाए गए विशेष बाड़े में छोड़ गया
यह भी जानें
बता दें कि चीता 110 किमी प्रतिघंटे से भी अधिक रफ्तार से दौड़ता है। चीता लगातार ज्यादा दूरी तक नहीं दौड़ सकता है। यह अधिकतम गति में सिर्फ एक मिनट ही दौड़ पाता है। चीते तीन सेकेंड के अंदर 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार पकड़ने की क्षमता रखते हैं। दुनिया में सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर चीता बाघ और शेर के ही परिवार का है। लेकिन चीता न ही शेर की दहाड़ लगाता है और न बाघ की तरह गुर्राता है। इसकी आवाज बिल्लियों की आवाज थोड़ी भारी होती है।