बस में हंसी-ठिठोली की, तो दलित छात्र को दूसरे समुदाय के 20 लड़कों ने पीटा, इस महीने ये ऐसा तीसरा मामला
Hindu students attack On Dalit And Grandmother: बस में यात्रा करने के दौरान एक दलित छात्र को हंसी-ठिठोली करना महंगा पड़ गया। करीब 20 छात्रों ने दलित और उसकी दादी पर हमला कर दिया। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि IPC की संबंधित धाराओं समेत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है। घटना 26 अगस्त की बताई जा रही है।
मामला तमिलनाडु के करूर जिले के वेल्लियानाई इलाके की बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, स्कूली छात्रों के बीच जाति-आधारित हिंसा का इस महीने ये तीसरा मामला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़ित छात्र का कसूर ये था कि वो किसी बात को लेकर बस में हंस रहा था। आरोपियों की पहचान उराली गौंडर समुदाय के छात्रों के रूप में हुई है।
'अरुंथथियार' समुदाय से है पीड़ित छात्र
पीड़ित छात्र 10वीं में पढ़ाई करता है। वो अरुंथथियार समुदाय (अनुसूचित जाति) से है और करूर जिले के उप्पिडामंगलम अल्लियागौंडनूर गांव का रहने वाला है। बताया जा रहा है कि 25 अगस्त की शाम को पीड़ित छात्र उप्पिडामंगलम के सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से बस के जरिए घर लौट रहा था। इसी दौरान रानी मेय्यामई स्कूल, पुलियूर के छात्रों ने उस पर हमला कर दिया। आरोपी छात्रों ने उसे धमकी देते हुए ये भी कहा कि अगर वो कल फिर बस में दिखा तो वे उसकी फिर से पिटाई करेंगे।
पीड़ित छात्र ने कहा कि उसने छात्रों की धमकियों को नजरअंदाज कर दिया और अगले दिन फिर से बस में यात्रा करने की ठानी। इस बीच पीड़ित ने अपने चाचा को पूरे घटना की जानकारी दी। पीड़ित के चाचा ने आरोपी छात्रों से इस संबंध में बात करनी चाही तो करीब 20 छात्र (सभी की उम्र 14 से 25 के बीच) उसी शाम पीड़ित के घर पहुंचे और उन्होंने छात्र और उसकी दादी पर हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि कुछ साल पहले पीड़ित छात्र के माता-पिता का निधन हो गया था, जिसके बाद से वो अपनी दादी के साथ रहता है।
इस महीने ये तीसरी ऐसी घटना
जानकारी के मुताबिक, छात्रों के हमले के दौरान गांव के अन्य लोग घटनास्थल पर पहुंचे और बीच-बचाव किया। घायल छात्र और उसकी दादी को करूर सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया गया, जहां दोनों का इलाज चल रहा है।
बता दें कि पिछले तीन हफ्तों में ये ऐसी तीसरी घटना है, जिसमें हिंदू छात्रों के समूह ने दलित छात्रों को निशाना बनाया और उन पर हमला किया है। छात्रों के बीच जातिगत कट्टरता की पहली घटना 9 अगस्त को तुरुनेलवेली के नंगुनेरी में हुई, जहां छात्रों के एक समूह ने एक दलित छात्र और उसकी बहन पर बेरहमी से हमला किया। 17 अगस्त को एक और ऐसी ही घटना में थूथुकुडी के कलुगुमलाई में पल्लार समुदाय के 11वीं कक्षा के एक छात्र पर मरावर और पंडाराम समुदायों के 10 छात्रों ने हमला किया था।
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