Hijab Row: एग्जाम में हिजाब की अनुमति वाली याचिका पर होली बाद SC में सुनवाई संभव
Hijab Row: कर्नाटक में एग्जाम के दौरान हिजाब पहनने की अनुमति वाली याचिका पर होली के बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को याचिकाकर्ता को आश्वासन दिया कि याचिका पर एक पीठ का गठन करेगा और सुनवाई भी करेगा।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह एक पीठ का गठन करेगी और हिजाब मुद्दे से संबंधित मामले की सुनवाई करेगी। याचिका का उल्लेख शरीयत समिति की ओर से किया गया था, जिसने छात्राओं को हिजाब पहनकर परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की मांग की थी।
कोर्ट ने कहा- होली के बाद मामले को सूचीबद्ध करेगी
कोर्ट ने कहा कि वह होली के तुरंत बाद इस मामले को सूचीबद्ध करेगी। बता दें कि होली को लेकर सुप्रीम कोर्ट शनिवार से 12 मार्च तक छुट्टी रहेगी। कोर्ट 13 मार्च से फिर से खुलेगा। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि परीक्षाएं पांच दिनों के बाद हैं, इसलिए उन्होंने मामले की तत्काल सुनवाई पर भी जोर दिया।
बता दें कि कर्नाटक के कॉलेजों में 9 मार्च से शुरू होने वाली छात्राओं को हिजाब पहनकर परीक्षा देने की अनुमति देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने पहले कर्नाटक हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर खंडित फैसला सुनाया था, जिसमें शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखा गया था। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने अपील को खारिज कर दिया था जबकि न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने इसकी अनुमति दी थी।
और पढ़िए –Karnataka: विधानसभा चुनाव से पहले BJP MLA का बेटा 40 लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार
खंडित फैसले के बाद CJI के पास भेजा गया था मामला
खंडित फैसले के बाद इस मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश के पास उचित दिशा-निर्देश के लिए भेजा गया था। जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया कर्नाटक हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे जिसमें शैक्षणिक संस्थानों को ड्रेस निर्धारित करने के निर्देश देने के कर्नाटक सरकार के फैसले को सही ठहराया गया था।
विभिन्न याचिकाकर्ताओं ने कर्नाटक सरकार के आदेश को बरकरार रखने वाले कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट का आदेश था कि स्कूलों और कॉलेजों के यूनिफॉर्म नियमों को सख्ती से लागू किया जाए।
कब शुरू हुआ था हिजाब विवाद?
हिजाब विवाद पिछले साल जनवरी में तब शुरू हुआ जब उडुपी के गवर्नमेंट पीयू कॉलेज ने कथित तौर पर हिजाब पहनने वाली छह लड़कियों को प्रवेश करने से रोक दिया। इसके बाद प्रवेश नहीं दिए जाने को लेकर छात्राएं कॉलेज के बाहर धरने पर बैठ गईं थीं।
इसके बाद उडुपी के कई कॉलेजों के लड़के भगवा गमछा पहनकर कक्षाओं में जाने लगे। यह विरोध राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया और कर्नाटक में कई स्थानों पर विरोध और आंदोलन हुए। नतीजतन, कर्नाटक सरकार ने कहा कि सभी छात्रों को ड्रेस का पालन करना चाहिए और एक विशेषज्ञ समिति की ओर से इस मुद्दे पर निर्णय लेने तक हिजाब और भगवा स्कार्फ दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
5 फरवरी 2022 को, प्री-यूनिवर्सिटी एजुकेशन बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी किया जिसमें कहा गया था कि छात्र केवल स्कूल प्रशासन की ओर से मंजूर किए गए ड्रेस को पहन सकते हैं। इसके अलावा कॉलेजों में किसी अन्य धार्मिक पहनावे को अनुमति नहीं दी जाएगी।
और पढ़िए – देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.