Sengol in Parliament House: 28 मई रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की नई संसद का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान उन्हें तमिलनाडु में मदुरै अधीनम मठ के प्रधान पुजारी हरिहर देसिका स्वामीगल सेंगोल भेंट करेंगे। यह वही सेंगोल है, जिसे सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में माउंटबेटन ने देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू को सौंपा था। हरिहर देसिका स्वामीगल अधीनम मठ के 293वें प्रधान पुजारी हैं। उन्हें पोंटिफ कहा जाता है। कभी इस पर स्वयंभू भगवान और कैलाशा देश का निर्माण करने वाले विवादित धर्मगुरु नित्यानंद ने दावा ठोंक दिया था। हालांकि प्रधान पुजारी के तौर पर राज्याभिषेक हरिहर देसिका का हुआ था।
गुरुवार को हरिहर देसिका स्वामीगल ने कहा कि मैं नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी से मिलूंगा और उन्हें ‘सेंगोल’ भेंट करूंगा। उन्होंने सेंगोल के महत्व और इतिहास को भी बताया। कहा कि अंग्रेजों से भारत में सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक का प्रतिनिधित्व करने के लिए 14 अगस्त, 1947 को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ प्राप्त किया गया था।
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I will be meeting PM Modi and presenting the 'Sengol' to him on the inauguration of the new Parliament building: Sri Harihara Desika Swamigal, the 293rd head priest of Madurai Adheenam
---विज्ञापन---The historic sceptre 'Sengol' was received by Pandit Jawaharlal Nehru on August 14, 1947, to… pic.twitter.com/vmLmKLhHQo
— ANI (@ANI) May 25, 2023
अरुंगिरिनाथ के निधन के बाद प्रधान पुजारी बने थे हरिहर देसिका
हरिहर देसिका स्वामीगल ने चार दशकों से अधिक समय तक पोंटिफ के रूप में अधीनम मठ में काम किया है। उन्होंने अधीनम मठ के 292वें प्रधान पुजारी अरुंगिरिनाथ देसिका परमाचार्य स्वामीगल ने 2019 में जूनियर पोंटिफ बनाने की घोषणा की थी। उन्हें 293वां पोंटिफ नामित किया गया था।
इस बीच 13 अगस्त, 2020 को अरुंगिरिनाथ देसिका परमाचार्य स्वामीगल का 77 साल की उम्र में निधन हो गया था। वे लंबे समय से सांस की बीमारी से जूझ रहे थे। लेकिन अरंगिरिनाथ के निधन के 8 दिन पहले 9 अगस्त को नित्यानंद ने सोशल मीडिया पर घोषणा कर दी कि उन्हें मदुरै अधीनम के 293वें पोंटिफ के रुप में पदभार संभाल लिया है। हालांकि उनके दावे को खारिज करते हुए हरिहर देसिका को पोंटिफ बनाया गया।
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अधीनम संप्रदाय के 20 पुजारी पहुंचेंगे दिल्ली
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नई संसद में स्पीकर की सीट के पास सेंगोल स्थापित किया जाएगा, क्योंकि यह सांस्कृतिक परंपराओं को आधुनिकता से जोड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि नई संसद में राजदंड स्थापित होने से इसके ऐतिहासिक महत्व को भी लोग जान सकेंगे। नई संसद के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए 28 मई को अधीनम संप्रदाय के कुल 20 पुजारी राजधानी दिल्ली पहुंचेंगे।
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