Goa News: गोवा के पणजी में इंटरनेशनल सैक्स रैकेट का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने दो विदेशी महिलाओं को पकड़ा है। अब इस मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। ये कार्रवाई गोवा में हुई है लेकिन इसे केन्या से ऑपरेट किया जा रहा था। इसमें सैक्स वर्क ग्राहकों को पेमेंट के लिए क्यूआर कोड देती थी, जिसे बाद में पूरा पैसा दलालों को ट्रांसफर हो जाता था। आम तौर पर लेनदेन के शुरुआती चरण में क्यूआर कोड या यूपीआई भुगतान किया जाता था, जिससे ग्राहक बाद में सैक्स वर्क को भुगतान करने से न बच सकें।
अंजुना पीआई प्रशाल देसाई का कहना है पुलिस ने 28 वर्षीय मारिया डोरकास और 22 वर्षीय विल्किस्टा अचित्सा को केन्याई से हिरासत में लिया है। सभी पांचों महिलाओं को एनजीओ अर्ज़ के सहयोग से बचाया गया है। पुलिस फिलहाल तीसरे आरोपी नाइजीरियाई की तलाश कर रही है।
नौकरी के झांसे से लड़कियों को बुलाया
पुलिस अधिकारी ने इस मामले को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि ये रैकेट केन्या और भारत के बीच चलाया जा रहा था। इसे एक एनजीओ एआरजेड की मदद से चलाया जा रहा था, जिस ऑपरेशन में पुलिस ने पांच महिलाओं को अवैध धंधे से निकाला है। मामले की जांच में सामने आया है कि इसके लिए तस्करों का एक गिरोह काम करता है। वो एजेंटों की मदद से केन्या की महिलाओं को टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी में नौकरी दिलवाने का झांसा देता था।
एस्कॉर्ट सर्विस नामक चल रही थी वेबसाइट
बताया गया कि इन महिलाओं को केन्याई से भारत लाने के बाद उनका पासपोर्ट और वीजा, एजेंट द्वारा छीन लिया जाता है। इतना ही नहीं, फिर उन्हें डरा-धमका कर प्रोस्टिट्यूशन के काम में धकेला जाता है। ग्राहकों को अपनी ओर लुभाने के लिए एस्कॉर्ट सुविधा की वेबसाइट्स से ये रैकेट ऑनलाइन तरीके से चलाया जा रहा है।
NGO की सूचना मिलने पर पुलिस ने मारा छापा
आगे बताया गया कि जब पुलिस को NGO की सूचना मिली तब जाकर उन्होंने इस रैकेट के बारे में जानने की कोशिश की। एनजीओ एआरजेड का पता तब चला जब पुलिस को बेंगलुरु से लाई गई कुछ पीड़िताओं की जानकारी मिली। ऐसे में गोवा पुलिस ने सूचना पर तत्काल कार्रवाई करने के साथ छापेमारी शुरू की। इसके बाद बचाई गई महिलाओं को पुलिसों ने मर्सिस के एक सेफहाउस में रखा है।