Economic Survey on Working Hours: फेमस टेक कंपनी Infosys के संस्थापक नारायण मूर्ति ने कुछ दिन पहले काम के घंटे बढ़ाने का जिक्र किया था। एलएंडटी के एस.एन.सुब्रमण्यम ने भी नारायण मूर्ति का समर्थन करते हुए हफ्ते में 75-90 घंटे तक काम करने की वकालत की थी। इन बयानों पर कई लोगों ने आपत्ति जताई। मगर हैरानी तो तब हुई जब सरकारी दस्तावेजों में भी इसका जिक्र मिलने लगा है।
सर्वे में मिला जिक्र
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया था। इसमें लिखा था कि हफ्ते में काम के घंटों पर प्रतिबंधन लगाना मैन्युफैक्चर्स को नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसे में आर्थिक सर्वेक्षण में लिखी इन लाइनों पर भी सवाल उठने लगे हैं। कई लोगों के मन में प्रश्न है कि क्या आर्थिक सर्वेक्षण भी काम के घंटे बढ़ाने का पक्ष ले रहा है?
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सर्वे में क्या लिखा?
आर्थिक सर्वेक्षण में लिखा है कि काम के घंटों को दिन, हफ्ते, तिमाही और साल के हिसाब से एक तय सीमा में नहीं बांधना चाहिए। इससे कर्मचारियों की पैसा कमाने की क्षमता भी सीमित हो सकती है। साथ ही इससे मैन्युफैक्चरर्स को भी काफी नुकसान होता है। माल को सही समय पर मार्केट में पहुंचाने के लिए प्रोडक्शन को बढ़ाना बेहद जरूरी है।
🚨 “I believe in hard work over work-life balance; I was disappointed with India’s shift from a six-day workweek to five,” says Narayana Murthy. pic.twitter.com/jHtsm0KH80
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) November 15, 2024
क्या कहते हैं नियम?
आर्थिक सर्वेक्षण की मानें तो श्रमिक संगठन उद्योगों को काम के घंटे पूरे करने के लिए 3 हफ्ते का समय देता है। फैक्ट्रीज एक्ट 1948 की धारा 51 के तहत कोई भी कर्मचारी 48 घंटे से अधिक काम नहीं कर सकता है। साथ ही कोई कर्मचारी 7 दिन से अधिक ओवरटाइम नहीं कर सकता है। वहीं तिमाही में ओवरटाइम 75 घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए। सर्वे के मुताबिक यह नियम कर्मचारियों को ज्यादा पैसा कमाने से रोकता है। इसलिए इसमें बदलाव होना चाहिए।
सर्वे ने दिया सुझाव
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि अगर किसी खास समय पर किसी उत्पाद की मांग बढ़ती है, तो कंपनियों को काम के घंटे बढ़ाने की छूट होनी चाहिए। वहीं जब बाजार में उत्पाद की मांग कम हो तो काम के घंटे घटा देना चाहिए। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी.अनंत नागेश्वरन के अनुसार इसके लिए पॉलिसी में बदलाव करना जरूरी है।
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